गोरखपुर। एक राष्ट्र एक चुनाव विषय के निमित्त किसान गोष्ठी बघागाड़ा जीतपुर मंदिर के प्रांगण में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये, भाजपा के महानगर महामंत्री अच्युतानंद शाही ने बताया कि, एक राष्ट्र एक चुनाव की परिकल्पना नई नहीं है। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962, 1967 में देश में विधानसभा और लोक सभा का चुनाव एक हुआ है। 1968,1969 विधानसभाओ और 1970 लोकसभा बीच में भंग होने से चुनाव अलग होने लगे। 1983 में एक चुनाव का सुझाव भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा आया था। 1999 में विधि आयोग के रिपोर्ट में भी एक चुनाव का सुझाव दिया गया था। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश में एक राष्ट्र एक चुनाव आवश्यक है। एक चुनाव होने से समय की बचत होगी और अनावश्यक खर्च पर रोक लगेगी।
बैठक की अध्यक्षता किसान मोर्चा के महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र चौबे तथा संचालन महामंत्री राजनारायण सिंह ने किया।
बैठक में मुख्य रूप से विनय नारायण पाण्डेय, नाहर निषाद, बब्लू शाही, शशिभूषण पाण्डेय, श्रीराम पाण्डेय, भूपेंद्र सिंह तथा सैकड़ो की संख्या में किसान उपस्थित रहे।
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