बस्ती। लखनऊ से बस्ती अपने गृह जनपद पहुंचे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा से डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पलटवार किया है। पाल ने सुप्रीम कोर्ट के वक्फ संशोधन बिल पर लगाए गए रोक पर दो टूक में जवाब देते हुए कहा बिल तो आकर रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में बिल के समर्थन में भी कई मुस्लिम संगठनों ने अपील दाखिल की है। इसलिए कोर्ट उन्हें भी सुनेगी उसके बाद फैसला देगी।
बीजेपी सांसद और जेपीसी कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बिल पारित होगा और इसका विरोध केवल तुष्टिकरण और राजनीतिक सियासत के कारण हो रहा है। पाल ने कांग्रेस, सपा और ओवैसी पर बिल का अनर्गल विरोध करने का आरोप लगाया है।
- क्या है बिल का उद्देश्य
उन्होंने बताया कि वक्फ बिल पर जेपीसी में गहन विचार-विमर्श हुआ, जिसमें मुस्लिम संगठन जैसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी शामिल थे। बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है ताकि गरीब, पसमांदा मुसलमान, अनाथ और विधवाओं को लाभ मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी सांसद ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि कानूनी संस्था है, इसलिए इसमें गैर-मुस्लिमों का होना गलत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पहले के फैसलों में इसे कानूनी निकाय माना है। जगदंबिका पाल सच्चर कमेटी की याद दिलाते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पसमांदा मुसलमानों का हाल दलितों से भी बदतर है।
सांसद पाल ने विपक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बिल सर्वसम्मत और विधि सम्मत है, और इससे गरीब मुस्लिमों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह बिल छह महीने मेहनत करके बनाया गया है और सरकार ने इसे लोकतांत्रिक तरीके से पारित किया है।
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