भोपाल। मध्य प्रदेश में धूप की तपिश बढ़ने के साथ गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। गर्म हवाओं का भी असर बढ़ने की संभावना के बीच राज्य के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने आम लोगों से सतर्क रहने के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। अधिकतम तापमान 41 डिग्री को पार कर गया। दिन चढ़ने के साथ गर्मी का असर ज्यादा हो जाता है। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने राज्य में बढ़ती गर्मी और लू की गंभीरता को देखते हुए नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
उन्होंने कहा कि ग्रीष्म काल के समय में सभी नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। सरकार और प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं। समस्त स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक तैयारियों के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
उन्होंने अपील की है कि सभी नागरिक सावधानियों का अवश्य पालन करें। एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने प्रदेश के सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्मी के दृष्टिगत स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारियों और जागरूकता के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनसामान्य को जागरूक करने और सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में रोगियों को एचआरआई से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही, आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन एचआरआई मामलों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। ताकि अधिक तापमान से होने वाली बीमारियों व अवांक्षित घटनाओं को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से कहा है कि गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है, जिससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे। यात्रा करते समय पानी अवश्य साथ रखें।
ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, फलों के रस (थोड़ा नमक मिलाकर) जैसे घरेलू पेय का सेवन लाभकारी होता है। तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा जैसी मौसमी फल-सब्जियों का सेवन शरीर में तरलता बनाए रखने में सहायक होता है। स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों से कहा है कि दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक बाहर न निकलें। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है। भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत भी टालें। नंगे पांव बाहर न निकलें। वहीं समस्या आने पर 108 या 102 पर कॉल करें।
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