बस्ती। भारत की जनवादी नौजवान सभा के नेतृत्व में मंगलवार को ई-रिक्शा चालकों और मालिकों ने न्याय मार्ग स्थित कार्यालय से जुलूस निकालकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा।
ई-रिक्शा चालकों का प्रमुख आरोप है कि आवंटित जोन में स्टीकर वितरण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी है। चालकों का कहना है कि स्टीकर प्राप्त करने में महीने से अधिक का समय लग रहा है, जबकि शहर में बिना स्टीकर के ई-रिक्शा चलाने पर चालान और जुर्माना लगाया जा रहा है, जो उनके लिए उत्पीड़न की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। उनका तर्क है कि जब तक 80 प्रतिशत ई-रिक्शाओं को स्टीकर वितरित नहीं हो जाते, तब तक ऐसी सख्ती लागू करना अन्यायपूर्ण है।
दूसरी मांग में चालकों ने कहा कि अधिकांश ई-रिक्शा चालक मरीजों, बुकिंग अथवा माल भाड़ा जैसे विशेष प्रयोजनों में भी ई-रिक्शा का प्रयोग करते हैं। ऐसे मामलों में उन्हें जोनल प्रतिबंध से छूट दी जाए और यदि कोई गलत पाया जाए तो उस पर कार्रवाई की जाए।
जोन आवंटन की असमानता को लेकर संतोष कुमार यादव ने कहा कि वर्तमान जोन सीमाएं विषमता पूर्ण हैं, जिससे चालकों में आक्रोश है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस विषय पर पुलिस प्रशासन, ट्रैफिक प्रशासन और यूनियन के नामित सदस्यों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की जाए और वार्ता के आधार पर जोन सीमाओं में आवश्यक संशोधन किया जाए। माकपा नेता शेष मणि ने कहा कि ई-रिक्शा चालक ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग को तैयार हैं, बशर्ते कि उनकी आय के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
ई-रिक्शा के पंजीकरण के मुद्दे पर नवनीत यादव ने मांग की कि जिलाधिकारी संबंधित डीलरों को निर्देशित करें कि बिना पंजीकरण के कोई भी ई-रिक्शा डिलीवरी न किया जाए।
जुलूस का नेतृत्व डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष शिव चरण निषाद ने किया। उन्होंने आशा जताई कि जिला प्रशासन ई-रिक्शा चालकों से संवाद स्थापित कर समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगा।
जुलूस में माकपा नेता के.के. तिवारी, ध्रुव चंद, राधेश्याम, राम अधारे, नियाज़ खान, राकेश कुमार सैनिक, शिबू, मकबूल, राहुल, श्रवण कुमार यादव, राहुल भारती सहित दर्जनों ई-रिक्शा चालक शामिल रहे।
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