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Sunday, April 13, 2025

इस्तेमाल नही होंगा कायस्थ समाज, अपने वजूद के लिये होगा एकजुट


बस्ती। राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर जा चुके कायस्थ समाज मुखर हो रहा है। कई मोर्चों पर कायस्थों की एकजुटता देखी जा रही है। इसी कडी में कायस्थ पार्टी के तत्वावधान में कायस्थ सम्मेलन का आयोजन किया गया। धर्मशाला रोड स्थित चित्रगुप्त मंदिर के सभागर में शहर के अनेक गणमान्य इकट्ठा हुये और राजनीतिक हिस्सेदारी के लिये पूरी एकजुटता के साथ अवाज उठाया।

वक्ताओं ने सम्मेलन में कायस्थ समाज की आर्थिक, सामाजिक राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला और समाज को मुख्य धारा में लाने हेतु अपना पमरार्श भी दिया। कायस्थ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय शंकर श्रीवास्तव ने कहा देश की आजादी में कायस्थों का योगदान किसी से कम नही रहा। कायस्थों फिजूल की बातों में न पड़कर स्वयं को सीधे समाज और राष्ट्र के निर्माण लगा दिया। अमन और कानून पसंद कायस्थ बिरादरी के लोग धीरे धीरे राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक स्तर पर उपेक्षा का शिकार होते गये। अब वक्त आ गया जब हमे एकजुट होकर अपने हक हकूक के लिये आवाज उठानी है। कायस्थ पार्टी ने आवाज बुलंद किया है।

प्रदेशभर के कायस्थ एकजुट हो जायेंगे। पहले हम अपनी एकजुटता से राजनीतिक समीकरण को प्रभावित करने में सक्षम होगे इसके बाद स्वतः लोगों को समझ में आ जायेगा कि कायस्थों के सहयोग के बगैर सरकार बनानी मुश्किल होगी। इस प्रकार धीरे धीरे हम अपना पुराना वजूद फिर से कायम करने में सक्षम हो जायेंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अपराजिता सिन्हा एवं मण्डल अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने कहा कायस्थ किसी मायने मे कमजोर नही हैं, सिर्फ हमने पिछले कई दशक से अपनी स्थिति को लेकर गहरा चिंतन नही किया और हम पिछड़ते चले गये। लेकिन अब कायस्थ समाज के लोग इस्तेमाल होने की बजाय खुद अपना मुकाम पाने को एकजुट हो चुके हैं।

सम्मेलन को मुकेश श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, रत्नेश श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मोहन वर्मा, मयंक श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, रमेश चन्द्र, शिशिर, वीके श्रीवास्तव, राजेश कुमार, डा. वीके श्रीवास्तव, अभिषेक श्रीवास्तव, शरद श्रीवास्तव, स्वतंत्र प्रकाश श्रीवास्तव, अखिलेश्वर, प्रमोद कुमार, भूपेन्द्र श्रीवास्तव, संजय कुमार, अंकुर वर्मा, डा. मनोज श्रीवास्तव, राजेश चित्रगुप्त, दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रीती श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव, अनिल कुमार श्रीवास्तव, सरिता श्रीवास्तव, दुर्गेश नन्दिनी श्रीवास्तव आदि का योगदान रहा।

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