<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Tuesday, April 15, 2025

पिछड़ों के उत्थान के लिए बाबा साहब ने जीवन पर्यन्त किया संघर्ष- महाप्रबंधक


गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे कीे महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर की अध्यक्षता में 15 अप्रैल को रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में ‘‘भारत रत्न‘‘ बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सुश्री माथुर, अपर महाप्रबन्धक डी.के.सिंह, प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम के आरम्भ में पूर्वोत्तर रेलवे कला समिति के कलाकारों ने भजन प्रस्तुत किया। समारोह में प्रमुख विभागाध्यक्ष, अध्यक्ष एवं महामंत्री, अनुसूचित जाति एवं जनजाति एसोसियेशन तथा वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य रेलकर्मी उपस्थित थे।

इस अवसर पर महाप्रबन्धक, सुश्री सौम्या माथुर ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर का जन्म इन्दौर के पास महु छावनी (मध्य प्रदेश) के एक अत्यन्त सामान्य परिवार में हुआ था। बाबा साहब आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए जीवन-पर्यन्त संघर्षरत रहे। उनका मानना था कि जब तक समाज में सभी वर्गों के लोगों एवं महिलाओं की समुचित उन्नति नहीं होती है, तब तक देश में सही मायने में विकास किया जाना सम्भव नही है। इन वर्गों के उत्थान के लिए जो कुछ भी बाबा साहब ने अपने जीवन काल में किया वे आज भी प्रासंगिक है।

उन्होंने कहा कि डा0 अम्बेडकर ने हमारे समाज को स्वतंत्रता, समानता और भाई चारे के अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये आवश्यक संवैधानिक ढ़ॉचा प्रदान किया। उनका कार्य और जीवन सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के लिये न्याय तथा मानवीय गरिमा का अधिकार प्राप्त करने की उनकी कोशिशों का संदेश है। मनुष्य और मनुष्य के बीच भेद करने वाली तथा हमारे समाज को विभिन्न वर्गों में बांटने वाली जाति प्रथा की असमानता और अन्याय के विरूद्व उनका संघर्षशील जीवन आज भी हमें प्रेरणा प्रदान करता है।

महाप्रबन्धक ने कहा कि डा0 अम्बेडकर ने सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया, लेकिन शिक्षित समाज से उनका तात्पर्य मात्र डिग्रियाँ प्राप्त करना नही, अपितु एक समझदार, जागरूक, संघर्षशील और विचारशील समाज के निर्माण से था जो राष्ट्र की प्रगति में अधिकाधिक योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने की उनकी तपस्या और लगन तथा शिक्षा द्वारा प्राप्त जागृति एवं मानसिक दृढ़ता हमारे लिये प्रेरणा का स्त्रोत है। शिक्षा पर सर्वाधिक महत्व देना इस बात परिचायक है कि बाबा साहब आमजन जीवन की समाज, न्याय, विधि, दर्शन और अर्थशास्त्र के गहन एवं गंभीर विषयों पर समझ को विस्तृत करना चाहते थे। यह उनके दूरदर्शी सोच को परिलक्षित करता है। वे ऐसी व्यवस्था स्थापित करना चाहते थे, जिसमें व्यक्ति एक गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सके। बाबा साहब का सम्पूर्ण जीवन दर्शन संघर्ष पर आधारित था। हमें पूरे समर्पण तथा सेवा व सद्भाव की भावना के साथ एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिये प्रतिबद्वता से कार्य करना चाहिए। यही इन महान आत्मा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति एसोसियेशन के अध्यक्ष बच्चू लाल एवं महामंत्री रामप्रकाश ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर के संघर्ष, देश एवं समाज के लिये उनके द्वारा किये गये कार्यों तथा उनके जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला।

मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशासन अवधेश कुमार ने स्वागत सम्बोधन करते हुये कहा कि डा0 अम्बेडकर ने महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी, उन्होंने अपना समपूर्ण जीवन सबसे निचले पायदान पर रहे देशवासियों को समर्पित किया।

समारोह में वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी/मुख्यालय गोपाल प्रसाद गुप्ता ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने किया।



No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages