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Monday, April 14, 2025

सिलक्यारा सुरंग खुदाई कार्य पूरा होने के उपलक्ष्य में 16 अप्रैल को समारोह की तैयारी


उत्तरकाशी। उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला प्रशासन सिलक्यारा सुरंग की खुदाई कार्य पूरा होने और मुहाने पर नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में बुधवार को एक समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान 2023 में एक हिस्सा ढह गया था और उसमें 41 मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों को 17 दिनों तक बड़े पैमाने पर चले बचाव अभियान के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
अधिकारी के मुताबिक सुरंग के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने के लिए केवल दो मीटर की खुदाई और बची है। सुरंग का एक छोर सिलक्यारा मोड़ पर और दूसरा बरकोट पर स्थित है।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने संवाददाताओं को बताया कि सुरंग का आखिरी हिस्सा खोदने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग को समर्पित मंदिर का निर्माण भी पूरा हो गया है। हमने स्थानीय पुजारियों से बात की है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो सुरंग का निर्माण और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ही दिन 16 अप्रैल को हो सकती है।’’
अधिकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, राज्य मंत्री अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जब मजदूर कई दिनों तक बिना भोजन और पानी के सुरंग के अंदर फंसे रहे, तो स्थानीय लोगों का मानना ​​था कि यह बाबा बौखनाग के श्राप के कारण हो सकता है, जिनका सुरंग के बाहर स्थित छोटा मंदिर निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था।
मुख्यमंत्री ने सभी फंसे हुए मजदूरों के चमत्कारिक रूप से बच जाने का श्रेय बाबा बौखनाग के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने बचाव अभियान के समापन के तुरंत बाद घोषणा की थी कि सुरंग के मुहाने पर ठीक उसी स्थान पर देवता का मंदिर बनाया जाएगा जहां वह मूल रूप से स्थित था। सिलक्यारा सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क वाली होगी।उत्तरकाशी। उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला प्रशासन सिलक्यारा सुरंग की खुदाई कार्य पूरा होने और मुहाने पर नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में बुधवार को एक समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौरान 2023 में एक हिस्सा ढह गया था और उसमें 41 मजदूर फंस गए थे। इन मजदूरों को 17 दिनों तक बड़े पैमाने पर चले बचाव अभियान के बाद आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
अधिकारी के मुताबिक सुरंग के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने के लिए केवल दो मीटर की खुदाई और बची है। सुरंग का एक छोर सिलक्यारा मोड़ पर और दूसरा बरकोट पर स्थित है।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने संवाददाताओं को बताया कि सुरंग का आखिरी हिस्सा खोदने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग को समर्पित मंदिर का निर्माण भी पूरा हो गया है। हमने स्थानीय पुजारियों से बात की है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो सुरंग का निर्माण और मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एक ही दिन 16 अप्रैल को हो सकती है।’’
अधिकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, राज्य मंत्री अजय टम्टा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जब मजदूर कई दिनों तक बिना भोजन और पानी के सुरंग के अंदर फंसे रहे, तो स्थानीय लोगों का मानना ​​था कि यह बाबा बौखनाग के श्राप के कारण हो सकता है, जिनका सुरंग के बाहर स्थित छोटा मंदिर निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था।
मुख्यमंत्री ने सभी फंसे हुए मजदूरों के चमत्कारिक रूप से बच जाने का श्रेय बाबा बौखनाग के आशीर्वाद को दिया। उन्होंने बचाव अभियान के समापन के तुरंत बाद घोषणा की थी कि सुरंग के मुहाने पर ठीक उसी स्थान पर देवता का मंदिर बनाया जाएगा जहां वह मूल रूप से स्थित था। सिलक्यारा सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क वाली होगी।

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