बस्ती। शुक्रवार को सरदार सेना के जिलाध्यक्ष विनय चौधरी, समाजसेवी दिग्विजय कुमार के नेतृत्व में पदाधिकारियोें, कार्यकर्ताओं के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन और अपर पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा। मांग किया मुण्डेरवा थाना क्षेत्र के कुम्हिया मिश्रौलिया निवासी दलित सोनबरसा देवी पत्नी दुःखरन को जाति सूचक शव्दों से गाली देने, मारने पीटने, घर जला देने, बेटे सन्तोष को कट्टा लेकर जान से मारने की कोशिश करने के मामले में दोषियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराकर न्याय दिलाया जाय।
डीएम, एसपी को सम्बोधित पत्र में दलित सोनबरसा देवी ने कहा है कि गत 14 मार्च होली के दिन पुरानी रंजिश को लेकर गांव के ही राजमन पुत्र सदानन्द, धीरेन्द्र पुत्र राजमन, सत्यदेव पुत्र निर्मल, वीरेन्द्र पुत्र राजमन, आकाश पुत्र सत्यदेव, रघुराज, रिकूं पुत्रगण त्रियुगी, दिलीप आदि ने पुरानी रंजिश को लेकर सोनबरसा देवी के घर में घुसकर दुःखरन पुत्र रमई, अरूण पुत्र दुःखरन, सुनीता पुत्री दुःखरन, और सोनबरसा देवी को भद्दी-भद्दी गालियां देकर भाला, कट्टा, लाठी, डण्डा लेकर बुरी तरह से मारा पीटा और जान से मारने की धमकी दिया। इससे दो लोगों का सिर फट गया, दुःखरन की पुत्री 6 माह की गर्भवती गीता को भी दबंगों ने मारा पीटा। उनके रिश्तेदार रितीक रोशन पुत्र रामनयन को भी मारा पीटा गया। मामले की सूचना 112 डायल कर पुलिस को दिया गया। पुलिस ने न तो दोषियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया और न ही चोटों का मुआयना ही कराया गया। 18 मार्च को उसके बेटे सन्तोष को कट्टे से जान से मार देने की कोशिशि की गई और 19 मार्च को दबंगों ने उसका घर जला दिया। दमकल की गाड़ी आने पर आग पर काबू पाया गया।
सरदार सेना के जिलाध्यक्ष विनय चौधरी, समाजसेवी दिग्विजय कुमार ने कहा कि इस मामले में दोषियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाय। यदि न्याय न मिला तो सरदार सेना संघर्ष को बाध्य होगी। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से अखिलेश प्रजापति, शहजाद आलम, मनोज निषाद, अमरजीत आर्य, देेवेन्द्र प्रकाश, अभिषेक चौधरी, अरविन्द कुमार, देवेन्द्र प्रकाश, अरून कुमार, रितिक, पीड़ित परिवार के लोग और सरदार सेना के पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
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