<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Sunday, March 23, 2025

भारत स्वाभिमान और पतंजलि योग समिति द्वारा बलिदान दिवस पर किया रक्तदान शिविर का आयोजन


बस्ती। भारत स्वाभिमान और पतंजलि योग समिति द्वारा जिला चिकित्सालय बस्ती में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव निगम ने बताया कि रक्तदान करने से दूसरों के साथ स्वयं की भी जीवन रक्षा होती है। दिया गया रक्त चौबीस घंटे में पुनः तैयार हो जाता है। रक्तदान से सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है। इससे पूर्व आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा वैदिक यज्ञ कर अमर हुतात्माओं को याद किया गया। इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान ट्रस्ट यूनिट बस्ती ने भगत सिंह के बारे में बताते हुए कहा कि भगत सिंह के दादा अर्जुन सिंह का यज्ञोपवीत संस्कार स्वयं ष्महर्षि दयानंद सरस्वती जीष् ने ही करवाया था। सरदार अर्जुन सिंह महर्षि दयानन्द के वैदिक विचारों से बहुत प्रभावित थे। वे महर्षि दयानंद जी के आरम्भिक शिष्यों में से एक थे। सरदार अर्जुन सिंह जी ने गुरुद्वारे से आर्य समाज तक का सफर तय किया था। वे दैनिक यज्ञ व्रती थे।जब उन्होंने अपने दोनों पोतो जगत सिंह और भगत सिंह का यज्ञोपवीत करवाया था तब उन्होंने अपने दोनों पोतो को दाएंऔर बाएं बाजू के नीचे लेकर ये प्रतिज्ञा ली थी की मै अपने दोनों पोतो को देश की बली वेदी पर दान करता हूँ। भगत सिंह के पिता जी का नाम सरदार किशन सिंह था और माँ का नाम विद्यावती था। दोनों परिवार सिख थे लेकिन उनका विवाह वैदिक रीति से हुआ था अर्थात फेरे गुरु ग्रन्थ साहिब के स्थान पर यज्ञ वेदी के फेरे लिए थे। भगत सिंह अपने दादा जी को जब भी पत्र लिखते थे तो ओ३म् और नमस्ते ही लिखते थे। भगत सिंह लाला लाजपत राय जी द्वारा संचालित नेशनल कोलेज के छात्र थे और प्रसिद्ध आर्य विद्वान जयचन्द्र विद्यालंकार, उदयवीर शास्त्री तथा भाई परमानन्द जी के शिष्य थे। भगत सिंह का प्रसिद्ध चित्र तिरछी टोपी वाला आर्यसमाज कलकत्ता (विधान सारणी) में लिया गया था क्योंकी भगत सिंह ने लाहौर में सांडर्स को मारने के बाद वेश बदलकर वही शरण ली थी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को भारत कभी भुला नहीं सकेगा। रक्तदान करने वालों में ओम प्रकाश आर्य, नंदीश्वर दत्त ओझा, रवि चौबे, डॉ प्रवेश कुमार, ओम प्रकाश आर्य, ओंकार आर्य, अजीत कुमार पाण्डेय, गरुण ध्वज पाण्डेय, जया पाण्डेय, संतोष कुमार पाण्डेय, मनीष मिश्रा, शक्ति मिश्रा प्रमुख रहे। रक्तदाताओं ने कृतज्ञता पूर्वक अमर हुतात्माओं को नमन किया। कामना पाण्डेय जिला प्रभारी महिला पतंजलि योग समिति बस्ती ने रक्तदाताओं के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से एस आई सी डॉ विकास सोनकर, डॉ दीपक श्रीवास्तव, डॉ विजय वर्मा, डॉ आलोक पाण्डेय, डॉ रामजी सोनी, तनु सिंह, डॉ सौम्या गोयल, डॉ सरिता, नितीश कुमार, शिव श्याम, डॉ शशिकला श्रीवास्तव, बबली शर्मा, मीरा जायसवाल, रजनी मिश्रा, रत्नेश मिश्र, नीलम मिश्रा, शताक्षी मिश्रा, गणेश, रिमझिम, राजेश्वरी, विश्वनाथ, शिवेन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, एस एल टी, कीर्ति आनन्द, अनुराधा सिंह, अन्नू सिंह, कामिनी सिंह, मोहम्मद इमरान, भानु यादव, असलम, संजय, राकेश भारती सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages