भानपुर, बस्ती। तहसील क्षेत्र के वैष्णों माता मंदिर परिसर ग्राम कोठिला में चल रहे सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पाँचवे दिन कथाव्यास पं श्रीबालकृष्ण आशीष जी महाराज ने का प्रसंग सुनाया। भगवान श्री कृष्ण से जुड़े प्रसंगों को सुनाया जिसमें गोचरण की लीला, अघासुर वध, कालिया नाग पर नृत्य और उसे रमण द्वीप में भेजना, चीर हरण लीला। उसके उपरांत गोवर्धन पूजा की गई। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी अंगुली पर उठाकर मथुरा, गोकुल, वृंदावन के लोगों को घनघोर बारिश से बचाया था।
आगे का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान द्वारा वृंदावन में अनेक लीला की गईं। गोचरण की लीला, अघासुर वध, कालिया नाग पर नृत्य और उसे रमण द्वीप में भेजना, चीर हरण लीला। उसके उपरांत गोवर्धन पूजा की गई। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी अंगुली पर उठाकर मथुरा, गोकुल, वृंदावन के लोगों को घनघोर बारिश से बचाया था। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं।
बताया कि भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं। वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं। जिससे हार कर इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं।
कथाव्यास पं श्रीबालकृष्ण आशीष जी महाराज ने बताया कि भगवत कथा का श्रवण करने से जीवन मे सुख शांति का समावेश होता है। धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है। जहां भी जिस समय भी श्रीमद् भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो, इस अवसर को कभी भी नही छोड़ना चाहिए। भजन में ही जीवन का सार होता है। प्रारंभ में यजमान परिवार के द्वारा व्यास गादी की पूजा अर्चना की गई। कथा व्यास ने माता पिता की सेवा किए जाने का आवश्यक बताते हुए कहा कि जिस ने भी माता पिता की निस्वार्थ भाव से सेवा कर ली। समझ लो उसने सभी तीर्थों की यात्रा करली। माता पिता के चरणों में ही तीर्थ है। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनियों मे भटकने के बाद यह मानव तन मिला है। इसका उपयोग सत्य के मार्ग पर चलने में लगा दो तो जन्म सफल हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से जीवन में भगवान की भक्ति जाग्रत हो जाती है। संसार में चारो और मोह माया व्याप्त है। जिसमें मानव फंस कर अपने अमूल्य जीवन को नष्ट कर रहा है। जबकि मनुष्य का शरीर अनेक जन्मों के पुण्यों के फल स्वरुप प्राप्त हुआ है। जिसका उद्देश्य संसार में परमात्मा के चरणों का आश्रय लेकर सदाचारी रुप से जीवन यापन करके मोक्ष प्राप्त करना चाहिए, लेकिन भटकाव के कारण मानव इस संसार को नित्य मान लेता है। जबकि परमात्मा ही इसके मूल में सत्य रूप में विराजमान है। उनकी भक्ति का प्रादुर्भाव हम सभी को भागवत श्रवण से प्राप्त होता है। कथा के दौरान आज गोवर्धन पूजन का आयोजन किया एवं छप्पन भोग का प्रसाद वितरण हुआ। कथा मैं ग्राम एवं क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। कार्यक्रम में मुख्य यजमान बजरंगी प्रसाद शर्मा, पुष्पा शर्मा, जामवंती शर्मा, उर्मिला एजुकेशन एकेडमी के डायरेक्टर विनय शुक्ला, आभिषेक ओझा, अभिषेक शर्मा, विवेक शर्मा, नितेश शर्मा, वैभव पांडेय, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, रमेश गुप्ता, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजकुमार चौरसिया, अमरेश पांडेय अमृत, प्रवीण शुक्ला, राजकुमार पांडेय, कमला प्रसाद पांडेय, ओमप्रकाश त्रिपाठी, ओम नाथ शुक्ला, जयप्रकाश मिश्रा, संतोष मिश्रा, यशपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में भगवत प्रेमियों का आगमन तथा पंडाल में हुआ।
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