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Saturday, March 8, 2025

महिला दिवस समावेशी भविष्य के लिए कार्य करने का आह्वान करता है- राजीव तिवारी


रामनगर (बस्ती)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
 8 मार्च के मौके पर जल जीवन मिशन में आई.यस.ए. युवा विकास समिति जनपद बस्ती द्वारा जिले के राम नगर ब्लाक के ग्राम पंचायत मरौचा में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि जल जीवन मिशन में आई एस ए को-ऑर्डिनेटर राजीव तिवारी नें कहा कि यह एक ऐसा दिन है जब महिलाओं को राष्ट्रीयजातीयभाषाईसांस्कृतिकआर्थिक या राजनीतिक सीमाओं में उनकी उपलब्धियों के लिए मान्यता दी जाती है। 

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय है - ‘सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए अधिकारसमानता सशक्तिकरण।इस वर्ष का यह विषय सभी के लिए समान अधिकारशक्ति और अवसर प्रदान करने तथा एक समावेशी भविष्य के लिए कार्य करने का आह्वान करता है जहां कोई भी पीछे न छूटे। इस दृष्टिकोण का मुख्य लक्ष्य अगली पीढ़ी यानि युवाओंविशेष रूप से युवा महिलाओं और किशोरियों को स्थायी परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाना है।

टीम लीडर प्रशांत द्विवेदी ने कहा की वर्ष 2025 एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि यह बीजिंग घोषणापत्र और कार्रवाई मंच की 30 वीं वर्षगांठ है। यह दस्तावेज़ दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए सबसे प्रगतिशील और व्यापक रूप से समर्थित खाका हैजो कानूनी सुरक्षासेवाओं तक पहुंचयुवाओं की भागीदारी और सामाजिक मानदंडोंरूढ़ियों और पुराने विचारों में बदलाव के मामले में महिला अधिकारों के एजेंडे को बदल देता है।

केंद्र सरकार विभिन्न नीतियोंयोजनाओं और विधायी उपायों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है। देश महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की ओर परिवर्तन का गवाह बन रहा हैजो राष्ट्रीय प्रगति में समान भागीदारी सुनिश्चित करता है। महिलाएं भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को आकार देनेशिक्षास्वास्थ्यडिजिटल समावेशन और नेतृत्व की भूमिकाओं में बाधाओं को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

ग्राम प्रधान सुरेंद्र प्रसाद नें कहाकि भारतीय संविधान अपनी प्रस्तावनामौलिक अधिकारों और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों में प्रावधानों के माध्यम से लैंगिक समानता की गारंटी देता है। अनुच्छेद 14, कानून की नजर में समानता सुनिश्चित करता है जबकि अनुच्छेद 15 लैंगिक आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। अनुच्छेद 51(ए)(ई) नागरिकों को महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं को त्यागने के लिए प्रोत्साहित करता है। निर्देशक सिद्धांतविशेष रूप से अनुच्छेद 39 और 42, समान आजीविका के अवसरसमान वेतन और मातृत्व राहत पर जोर देते हैं।

इस मौके पर ग्राम पंचायत सचिव अशोक कुमार, समूह सखी सविता, जल सखी- निशाचंद्रकलाशशिकला व रोजगार सेवक संगम तिवारी नें भी अपने विचार साझा किया। गोष्ठी में महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया।

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