बस्ती। स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से डाक्टर और निजी अस्पताल मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हैं। ताजा मामला सन्तकबीर आई हॉस्पिटल से जुड़ा है। गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के पिपरा नेम निवासी रामकेवल पुत्र रामलौट ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर सम्बन्धित डाक्टर के विरूद्ध कार्यवाही की मांग किया है। शिकायती पत्र में रामकेवल ने कहा है कि उनकी पत्नी शकुन्तला देवी को आंख् की रोशनी में कुछ परेशानी थी जिसको लेकर धनघटा थाना क्षेत्र के बसवारी स्थित सन्तकबीर आई हॉस्पिटल गये।
वहां मौजूद लोग बस्ती जिला मुख्यालय पर बड़ेवन स्थित संतकबीर आई हॉस्पिटल ले आये। यहां डाक्टरों ने आंख का आपरेशन किया और मरीज को 24 जनवरी को छुट्टी दे दी। घर पहुंचने पर आंख की परेशानी और बढ़ गई। 27 जनवरी को पुनः बस्ती संतकबीर आई हॉस्पिटल लेकर आये। उस दिन हॉस्पिटल के लोगों ने दवाइयों का परचा और जांच रिपोर्ट सब ले लिया और सोनौली वाले बस पर बैठाकर भैरहवां जाकर आंख दिखाने की सलाह दिया। वहां लुम्बिनी आई इन्स्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेन्टर श्री राना अम्बिका शाह आई हॉस्पिटल के डाक्टरों ने कहा इंफेक्शन फैल चुका है, आंख नही निकाली गई तो कैंस होने का खतरा है।
मजबूर होकर आंख निकलवानी पड़ी। वापस पुनः 07 फरवरी को संतकबीर आई हॉस्पिटल-बसती पहुंचे, डाक्टर को सारी जानकारी दी। इसके बाद डाक्टर और अस्पताल के स्टाफ भड़क गये, कहा कहीं शिकायत करने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा, चुपचाप घर चले जाओ। शिकायतकर्ता ने आशंका व्यक्त किया है कि अस्पताल के संचालक प्रभावी लोग हैं उनकी जान माल का खतरा है। उन्होने मामले की जांच कर इलाज में की गई लापरवाही, तथा आंख खोने व आर्थिक मानसिक क्षति की पूर्ति के लिये मुआवजा दिलाने की मांग किया। शिकायतकर्ता ने कहा अस्पताल का कई जिलों मे नेटवर्क फैला है। अपने एजेन्टों के द्वारा मरीजों को गांव देहात से लाकर उनका आर्थिक, मानसिक दोहन किया जा रहा है।
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