नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) में बबली नामक 15 वर्षीय मादा तेंदुए की उम्र संबंधी जटिलताओं और कम खाना खाने के कारणइलाज के दौरान बुधवार को मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एनजेडपी के निदेशक संजीत कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि छत्तीसगढ़ के नंदनवन से 2018 में चिड़ियाघर में लाई गई मादा तेंदुआ बबली की औसत उम्र पूरी हो गई है, जो आमतौर पर 10-12 साल के बीच होती है।
वहीं, कैद में रहने वाले तेंदुए 15-18 साल तक जीवित रह सकते हैं। चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार, मादा तेंदुए का पोस्टमार्टम करने के दौरान नमूने एकत्र किए गए और मौत का सही कारण जानने के लिए नमूनों को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में भेजा जाएगा। बबली की मौत हो जाने के बाद अब दिल्ली के चिड़ियाघर में केवल तीन तेंदुए बचे हैं, जिसमें दो नर और एक मादा तेंदुआ है।
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