बस्ती। अमेरिका की सरकार द्वारा भारतीय प्रवासियों के अचानक और अन्यायपूर्ण निर्वासन से उत्पन्न संकट के मद्देनजर, जरूरी हो गया है कि भारत सरकार कठोर कदम उठाये। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ ने कहा मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि निर्वासित व्यक्तियों को अमानवीय तरीके से हिरासत लेकर उनके हाथों पैरों में हथकड़ी लगाकर भारत वापस भेजा जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा प्रवासीय भारतीय इस वक्त वित्तीय तबाही का सामना कर रहे हैं। इस तरह का व्यवहार भारतीयों की गरिमा का घोर उल्लंघन है। यह हमारे राष्ट्र की छवि को धूमिल करता है। इन खतरनाक घटनाओं के बावजूद, केंद्र सरकार उदासीन और असहाय बनी हुई है। हमारे नागरिकों के लिए खड़े होने और मानवीय व्यवहार की मांग करने के बजाय, सरकार शर्मनाक तरीके से इन कार्यों को उचित ठहरा रही है। वैश्विक मंच पर हमारे नागरिकों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करने में भारत सरकार विफल है। हम सरकार की इस निष्क्रियता की घोर निन्दा करते हैं।
ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा भारत की मडिया और खुद सरकार ने प्रचार तंत्र का सहारा लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाघ जैसी छबि बनाई। देशवासियों को लगा कि कोई पड़ोसी देश हमें आखें नही दिखा पायेगा, विदेश नीति सुदृढ़ होगी और परिस्थितियां विपरीत हुईं तो भारत सरकार माकूल जवाब देगी। अब प्रधानमंत्री की 56 इंच की छाती और बाघ जैसा कलेजा कहां है। उनके सत्ता में रहते हुये भारत के नागरिकों का ऐसा अपमान कैसे हो रहा है ? क्या यह डरपोक छबि भारत को कभी विश्वगुरू बनने देगी। कांग्रेस नेता ने कहा समय रहते सरकार को ठोस कदम उठाना होगा जिससे वैश्विक मंच पर भारत की छबि धूमिल होने से बचे और देश के नागरिकों का स्वाभिमान जिंदा रहे।
ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा भारत की मडिया और खुद सरकार ने प्रचार तंत्र का सहारा लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाघ जैसी छबि बनाई। देशवासियों को लगा कि कोई पड़ोसी देश हमें आखें नही दिखा पायेगा, विदेश नीति सुदृढ़ होगी और परिस्थितियां विपरीत हुईं तो भारत सरकार माकूल जवाब देगी। अब प्रधानमंत्री की 56 इंच की छाती और बाघ जैसा कलेजा कहां है। उनके सत्ता में रहते हुये भारत के नागरिकों का ऐसा अपमान कैसे हो रहा है ? क्या यह डरपोक छबि भारत को कभी विश्वगुरू बनने देगी। कांग्रेस नेता ने कहा समय रहते सरकार को ठोस कदम उठाना होगा जिससे वैश्विक मंच पर भारत की छबि धूमिल होने से बचे और देश के नागरिकों का स्वाभिमान जिंदा रहे।
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