बस्ती। कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती में बुधवार को जिले के बनकटी, रुधौली और हरैया ब्लॉक की आजीविका सखियों के लिए एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रशिक्षण अधिकारी, बस्ती की उपस्थिति रही। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पी. के. मिश्रा ने महिलाओं को केंद्र पर स्थापित विभिन्न सजीव इकाइयोंकृपालीहाउस, नेट हाउस, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन इकाई, बीज उत्पादन इकाई और मातृ-वृक्ष पौधशालाकृके बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को सब्जी एवं फल पौध नर्सरी तैयार करने की विधि और इससे होने वाले आर्थिक लाभों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी.वी. सिंह ने वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं पशुपालन की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. अंजली वर्मा ने पोषण वाटिका में सब्जियों एवं फलों के चयन, उनके मानक ले-आउट और मूल्यवर्धित उत्पादों पर चर्चा की। वहीं, श्री हरिओम मिश्रा ने अनाजों के भंडारण एवं संरक्षण, सब्जियों की तकनीकी खेती और आय-सृजन के विभिन्न तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 60 महिलाओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और कृषि एवं उद्यमिता से जुड़ी नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
बस्ती। कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती में बुधवार को जिले के बनकटी, रुधौली और हरैया ब्लॉक की आजीविका सखियों के लिए एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रशिक्षण अधिकारी, बस्ती की उपस्थिति रही। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पी. के. मिश्रा ने महिलाओं को केंद्र पर स्थापित विभिन्न सजीव इकाइयोंकृपालीहाउस, नेट हाउस, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, बकरी पालन इकाई, बीज उत्पादन इकाई और मातृ-वृक्ष पौधशालाकृके बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को सब्जी एवं फल पौध नर्सरी तैयार करने की विधि और इससे होने वाले आर्थिक लाभों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी.वी. सिंह ने वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं पशुपालन की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. अंजली वर्मा ने पोषण वाटिका में सब्जियों एवं फलों के चयन, उनके मानक ले-आउट और मूल्यवर्धित उत्पादों पर चर्चा की। वहीं, श्री हरिओम मिश्रा ने अनाजों के भंडारण एवं संरक्षण, सब्जियों की तकनीकी खेती और आय-सृजन के विभिन्न तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 60 महिलाओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया और कृषि एवं उद्यमिता से जुड़ी नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था।
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