कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री या तो इमानदार नही है या फिर अनुभवहीनता के कारण उनका अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नही है। जनता की गाढ़ी कमाई का अदबों रूपया खर्च कर किया गया महाकुंभ का आयोजन अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। अनेकों लोगों को जांन गंवानी पड़ी। वीआईपी और अखाड़ों का सिर्फ ध्यान रखा गया। ट्राफिक मैनेजमेन्ट इतना घटिया की सैकड़ों किमी. रोडजाम रहा। यूपी के कई शहर महीना भर से डायवर्जन का दंश झेल रहे हैं। यात्रियों पर ज्यादा ईंधन और टोल का बोझ पड़ रहा है। दावे किये गये कि महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है लेकिन व्यवस्थायें 100 करोड़ की होंगी। 144 साल बांद कुभ के आयोजन का हव्वा खड़ा किया गया। लोग मुख्यमंत्री पर भरोसा कर बड़ी सेख्या में स्नान करने पहुंचे।
दिव्य व्यवस्थाओं के दावे सुनकर करोड़ों लोग महाकुंभ में आये लेकिन आने के बाद उन्हे काफी अफसोस हुआ। मुख्यमंत्री के बड़बोलेपन की सजा जनता भोग रही है। महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लाशें छिपाई गयीं, परिजन लाश को तरसते रहे। आधिकारिक आंकड़े नही जारी किये गये। अभी लोग महाकुंभ में हुई मौतों को भूल भी नही पाये थे कि नई दिल्ली स्टेशन पर महाकुंभ के श्रद्धालुओं के बीच मची भगदड़ एक नया जख्म दे गया। कांग्रेस नेता ने कहा उत्तर प्रदेश की जनता अनुभवहीन नेतृत्व की कीमत चुका रही है। उन्होने यह भी कहा कि सुनियोजित भ्रष्टाचार लगाम लगाने के लिये सरकार ने कोई ठोस कदम नही उठाया तो शीघ्र ही प्रदर्शन जिम्मेदारों को नीद से जगाने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी। उन्होने दिल्ली हादसे से पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करते हुये रेलमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
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