<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Thursday, February 13, 2025

निबंध लेखन प्रतियोगिता में अनुष्का को मिला प्रथम स्थान


बस्ती । राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चल रहे 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के अंतर्गत औद्योगिक विकास इंटर कॉलेज बिहरा में साहित्य, कला और संगीत के प्रति समर्पित सामाजिक संस्था बस्ती विकास समिति एवं रोटरी क्लब बस्ती सेंट्रल द्वारा टीबी रोग के जन जागरूकता अभियान के तहत टीबी रोग के लक्षण,जांच, बचाव एवं इलाज पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। टीबी से बचाव के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कर छात्र छात्राओं को टीबी के प्रति जागरूक किया गया। 

निबंध प्रतियोगिता में कक्षा 12 की छात्रा अनुष्का ने पहला, कक्षा 8 की छात्रा सरस्वती ने दूसरा व कक्षा 10 की छात्रा सुनीता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। सभी विजेता प्रतिभागियों को बस्ती विकास समिति द्वारा  प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। 

बस्ती विकास समिति के संस्थापक अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ते से अधिक खांसी का होना, लगातार बुखार होना, रात में पसीना आना और वजन घटना आदि टीबी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रहा हो, वजन घट रहा हो, खांसी के साथ खून आ रहा हो तो इसको नजर अंदाज न करें, बल्कि तुरंत बलगम की जांच कराएं। जांच में टीबी रोग निकलता है तो इसकी दवा तत्काल शुरू करें, नियमित रूप से दवा खाने से यह रोग ठीक हो सकता है। बच्चे इस दिशा में सावधानी बरतें जो लक्षण बताए गए हैं अगर किसी को परिवार में, गांव में या कहीं पर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं।
रोटरी क्लब बस्ती सेंट्रल के चार्टर सचिव रो. एल. के. पाण्डेय ने कहा कि टीबी आमतौर पर फेफड़ों में होती है। लेकिन शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती है। उन्होंने बच्चों से अपील कि वे अपने परिवार और समाज में टीबी के बारे में जागरुकता फैलाएं।

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के वरिष्ठ टीबी प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय पाण्डेय ने कहा कि टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से पर हमला कर सकता है, लेकिन आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है। जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने 24 मार्च 1882 को टीबी रोग के कारण का पता लगाया था ।
इस मौके पर प्रधानाचार्य सतीश रंजन सिंह, वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक कप्तानगंज गिरीश चंद्र गुप्ता, रो. मनीष सिंह, डॉक्टर्स फ़ॉर यू के अभिषेक सिंह, राहुल, अजय प्रताप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages