बस्ती। रविवार को भारतीय किसान यूनियन की बैठक लोहिया मार्केट परिसर में जिलाध्यक्ष गौरीशंकर चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में किसान समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श के साथ ही अधिकारों के लिये संघर्ष की रूप रेखा पर विचार किया गया।भाकियू के पूर्वान्चल अध्यक्ष अनूप कुमार चौधरी, प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल, पूर्वान्चल उपाध्यक्ष शोभाराम ठाकुर, मण्डल अध्यक्ष महेन्द्र कुमार चौधरी, मण्डल उपाध्यक्ष जयराम चौधरी आदि ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार किसान हितों के प्रति गंभीर नहीं है। वक्ताओं ने मांग किया कि गन्ने का मूल्य 500 रूपया प्रति क्विंटल करने के साथ ही फसल सुरक्षा के लिये जंगली और जानवरों पर रोक लगाया जाय। कहा कि सरकारी स्तर पर संचालित गौशालायें आवारा पशुओं को नियंत्रित करने में अक्षम है। भाकियू नेताओं ने एक स्वर से कहा कि पशु बाजार को फिर से शुरू कराया जाय। इसके बंद होने से किसानों को काफी असुविधा हो रही है। भाकियू की बैठक में फसलों का उचित मूल्य दिये जाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किये जाने, खेती किसानी में बढती लागत को देखते हुये मूल्य तय किये जाने, मुण्डेरवा चीनी मिल द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने आदि का मुद्दा छाया रहा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि चीनी मिले किसानों को समय से भुगतान नहीं दे रही हैं और गन्ना पर्ची के लिये भी किसानों को भटकना पड़ रहा है। वाल्टरगंज चीनी मिल पर वर्षो से बकाया राशि गन्ना किसानों को नहीं मिली। अठदमा चीनी मिल द्वारा भी किसानों का भुगतान समय से नहीं किया जा रहा है।
भाकियू की बैठक में खतौनी को प्रति वर्ष बनवाये जाने, डाटा अपलोड किये जाने और खतौनी, आधारकार्ड, बैंक पास बुक के मिलान में आ रही समस्याओं के त्वरित निदान हेतु व्यवस्था किये जाने की मांग उठायी गई। वक्ताआंें ने कहा कि यदि मांगे न मानी गई तो भाकियू निर्णायक आन्दोलन को बाध्य होगी।
बैठक में मुख्य रूप से राम चन्द्र चौधरी, राजेन्द्र प्रसाद चौधरी, रमेश चौधरी, जगदीश प्रसाद, रामशव्द, रामपाल सिंह, ब्रम्हदेव, विनोद कुमार, राम केवल वर्मा, चन्द्र प्रकाश चौधरी, जगदम्बा प्रसाद, सूर्य नरायन, आज्ञा राम, भरत शर्मा, राम बहाल के साथ ही भाकियू के अनेक पदाधिकारी, सदस्य शामिल रहे।
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