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Saturday, January 25, 2025

महाप्रबंधक सुश्री सौम्या माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ

गोरखपुर। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में पूर्वाेत्तर रेलवे कला समिति के तत्त्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि महाप्रबन्धक, पूर्वाेत्तर रेलवे सुश्री सौम्या माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।



   कार्यक्रम के आरम्भ में पूर्वाेत्तर रेलवे कला समिति के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गंगा स्तुति ‘‘मैया तोरी लहर-लहर वरदानी‘‘ एवं समूह देष भक्ति गीत ’’हिमाद्रि तुंग श्रंग से’’ से हुआ। एन.ई. रेलवे सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल की छात्र-छात्राओं द्वारा मनोहारी समूह नृत्य ‘‘तेरे सर पे नील गगन है‘‘ प्रस्तृति सराहनीय रही। पूर्वाेत्तर रेलवे स्काउट एवं गाइड द्वारा देष प्रेम पर आधारित नृत्य नाटिका ‘‘1857 के क्रांति‘‘ की भूरि-भूरि प्रषंसा की गई। एन.ई. रेलवे हायर सेकेण्ड्री स्कूल की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य ’’इतिहास का मै आइना हूँ’’ एवं कला समिति के कलाकारों द्वारा शहीद रामचन्द्र विद्यार्थी प्रजापति की देषभक्ति पर आधारित नाटक तथा एन. ई. रेलवे बालिका इंटर कालेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य ’’कलर्स ऑफ इंडिया’’ ने सराहना बटोरी। सांस्कृतिक समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सभी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र कल अपना 76वाँ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। यह, वह पवित्र व गरिमापूर्ण दिन है जब देष ने अपना संविधान पूर्णरूपेण लागू किया और सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न राष्ट्र बन गया।

उन्होंने कहा कि देष 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ। देष के लिए संविधान निर्माण के उद्देष्य से 29 अगस्त,1947 को संविधान का प्रारूप बनाने के निमित्त डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति के गठन के लिए एक रिजोल्यूषन मूव किया गया। अन्ततः 02 वर्ष 11 माह एवं 18 दिनों के अथक परिश्रम के बाद देष का संविधान तैयार हुआ। 22 भागों में विभक्त मूल संविधान में 395 आर्टिकल्स एवं 08 अनुसूचियॉं थीं, जिसे पूर्णरूपेण 26 जनवरी,1950 को भारत की जनता ने अधिनियमित, आत्मार्पित एवं अंगीकृत किया और हमारा देष एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न राष्ट्र बना। विष्व के सबसे वृहद लिखित संविधान पर हम सभी को गर्व होना चाहिये, क्योंकि इसकी बदौलत ही हमारा लोकतंत्र अधिक परिपक्व, मजबूत व विष्वसनीय बना। हमारा संविधान देष की विविधता को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता सुनिष्चित करने हेतु एक मजबूत आधार प्रदान करता है। यह देष के समस्त नागरिकों को सम्प्रभुता सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की अनुभूति प्रदान करता है। इस विशेष दिवस की याद में देषभक्ति से ओत-प्रोत आज का यह कार्यक्रम अत्यंत हृदयस्पर्षी एवं मनोहारी रहा।

   महाप्रबन्धक ने कहा कि पूर्वाेत्तर रेलवे कला समिति के नेतृत्व में प्रतिभा सम्पन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत देषभक्ति गीत एवं नाटिका अत्यन्त मर्मस्पर्षी एवं सराहनीय रहा, साथ ही भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका तथा पूर्वाेत्तर रेलवे के तीनों स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की महाप्रबन्धक ने सराहना की तथा कलाकारों एवं निर्देषकों को उनके द्वारा किये गये उत्कृष्ट प्रदर्षन के लिए बधाई दिया।

  उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अवसर न केवल हमारा मनोरंजन करते हैं, वरन् हमें अपने दायित्वों के अधिक-से-अधिक समर्पण के साथ और ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने के प्रति जागरूक भी करते हैं। महाप्रबंधक ने कला समिति के कलाकारों, तीनों रेलवे स्कूलों के बच्चों एवं स्काउट एवं गाइड्स के सदस्यों तथा निर्देषको के उत्कृष्ट प्रदर्षन पर उन्हें पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की।

  मुख्य कार्मिक अधिकारी/आई.आर. श्री अवधेष कुमार ने स्वागत भाषण दिया तथा अध्यक्ष/आर.आर.सी. श्री राजेष कुमार गुप्ता ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने किया।

  इस अवसर पर पूर्वाेत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्ष श्रीमती हेमलता सिंह एवं संगठन की सदस्यायें, अपर महाप्रबन्धक श्री दिनेष कुमार सिंह, प्रमुख विभागाध्यक्ष, बड़ी संख्या में वरिष्ठ रेल अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्रायें एवं अभिभावक उपस्थित थे।  

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