बस्ती। वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक एवं जिला चिकित्सालय में आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा ने चीन से फैले नये वायरस एचएमपीवी पर जानकारी देते हुये बताया कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। यह कोरोना की तरह जान लेवा वायरस नहीं है। बताया कि राइनोवायरस और ह्यूमन मेटान्यूमो वाइरस (एचएमपीवी) के संक्रमण के कुछ मामले भारत में भी सामने आये हैं। संक्रमितों में 14 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या अधिक है। डा. वर्मा ने बताया कि आमतौर पर सर्दियों के दिनों में सर्दी जुकाम, सांस रोग के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिये होम्योपैथी में अनेक दवायें उपलब्ध हैं।
डा. वर्मा ने बताया कि एचएमपीवी वायरस के संक्रमण से मरीज को बचाने या हो जाने पर आर्सेनिक एलबम 200, यूपेटोरियम पर्फ 200 बहुत प्रभावी है। डा. वर्मा ने बताया कि मरीजों को यह दवायें किसी कुशल चिकित्सक के परामर्श से ही लेना चाहिये। वैसे होम्योपैथी की एक दवा अनेक रोगोें में कारगर है और लक्षण के अनुसार दवायें काम करती है, होम्योपैथी दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता फिर भी सजगता आवश्यक है। डा. वर्मा ने बताया कि एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हो जाने के बाद लक्षणानुसार एकोनाइट, बेलाडोना, एल्यिम सीपा, नेट्रम म्योर, चाइना, एल्यिम सटाइबा, नेट्रम सल्फ, नक्सबोम, इपिकाक आदि दवाओं का सेवन चिकित्सक के परामर्श पर करना चाहिये। इस वायरस से डरने की कोई आवश्यकता नही है।
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