काठमांडू। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘सत्यम् शिवम् सुन्दरम्’ को चरितार्थ करती पशुपतिनाथ भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव भव्यता के साथ 28 दिसम्बर को पशुपतिनाथ व्यू होटल सभागार में नेपाल की राजधानी काठमांडू में पी .आई.यू. ट्रस्ट के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रमेश उत्प्रेती ( पूर्व कार्यकारी निर्देशक पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल) ,अति विशिष्ट अतिथि प्रेम हरि डूंगाना ( पूर्व कार्यकारी निर्देशक पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल) , विशिष्ट अतिथि शिव शक्ति गुरु माँ, राष्ट्रीय ओज कवि डॉ. सुरेश सिंह शौर्य प्रियदर्शी (संस्थापक पी. आई. यू. ट्रस्ट), कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. राम रतन श्रीवास ‘राधे राधे’ (ब्रांड एंबेसडर भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय पशुपतिनाथ महोत्सव), के साथ-साथ पशुपतिनाथ मंदिर व नेपाल देश के राजनेता व अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम शुभारम्भ में माँ सरस्वती एवं शिव के स्तुति के साथ की गयी। इस कार्यक्रम में डॉक्टर रामरतन श्रीवास्तव ‘राधे राधे’ ने भारत की ओर से छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया जो छत्तीसगढ़ के लिए बहुत ही गौरव का विषय है।
डॉ. राम रतन श्रीवास्तव ‘राधे राधे” (ब्रांड एंबेसडर भारत नेपाल अंतर्राष्ट्रीय पशुपतिनाथ महोत्सव ने हमारे संवाददाता को बताया कि भारत नेपाल के विभिन्न प्रदेशों के साहित्यकार, शिक्षा विद, कलाकार , शोध कर्ता, संगीतज्ञ, भारी संख्या में शामिल हुए। भारतीय उपमहाद्वीप की लोक शिक्षा, साहित्य, सांस्कृतिक, परंपरा और विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। उन्होंने आगे कहा की इस महोत्सव के साथ ही विश्व सनातन विश्वविद्यालय निर्माण आंदोलन को नेपाल देश में भी प्रारम्भ किया गया। जिसकी नेपाल के सभी बुद्धिजीवी, राजनेताओं ने जोरदार समर्थन दिया। उन्होंने बताया की इस महोत्सव के जरिये एक नये युग का सूत्रपात किया जा रहा है। विश्व सनातन विश्वविद्यालय निर्माण के सर्वसम्मत प्रस्ताव के साथ एतिहासिक महोत्सव में सम्पन्न हुआ। शिक्षा, साहित्य, पर्यावरण संरक्षण जल संवर्धन के विशेष योगदान के लिए उन्हें “ग्लोबल साहित्य सम्मान” मुख्य अतिथि के कर कमलों से प्रदान किया गया। इस ऐतिहासिक पल के लिए भगवान पशुपतिनाथ को नमन करते हुए पी. आई. ट्रस्ट के संस्थापक डॉ सुरेश सिंह शौर्य प्रियदर्शी का हृदय तल से आभार प्रकट किया। राधा रमण श्रीवास्तव ने इसे समाज के लिए एक ऐतिहासिक पल एवं स्वर्णिम अवसर बताया है। छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व एवं ग्लोबल साहित्य सम्मान मिलने पर सभी ने हर्ष व्यक्त किया है।
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