गोरखपुर। पूर्वाेत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के औंड़िहार-भटनी रेल खंड पर स्थित मऊ जं. रेलवे स्टेशन को अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत रु. 48.98 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। मऊ जं. पूर्वांचल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है साथ ही यह स्टेशन नई दिल्ली, मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद, कोलकाता, पुणे, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, जयपुर, राँची, अमृतसर जैसे प्रमुख नगरों एवं महानगरों के लिये सीधी ट्रेन सेवा से जुड़ा हुआ है। इस स्टेशन से 44 मेल/एक्सप्रेस एवं सवारी ट्रेनें संचालित होती हैं तथा यहाँ से लगभग 22,000 यात्रियों का आवागमन प्रतिदिन होता है और दिन-प्रतिदिन यहाँ पर यात्री आवागमन बढ़ रहा है तथा औंड़िहार-मऊ-भटनी एवं मऊ-शाहगंज खंडों के दोहरीकरण को तेजी से पूरा किया जा रहा है तथा इन खंडों के दोहरीकरण का कार्य पूरा होने से मऊ से होकर जाने वाला यातायात बढ़ेगा।
आगामी 50 वर्षों में रेल आवागमन की आवश्यकता को ध्यान में रखकर अमृत स्टेशन योजना के अन्तर्गत मऊ जं. स्टेशन भवन के फसाड का कार्य पूर्ण हो चुका है। 700 मीटर लम्बे स्टेशन एप्रोच रोड (पहुँच मार्ग) में 300 मीटर रोड का चौड़ीकरण तथा 75 मीटर डिवाइडर का काम पूर्ण हो चुका है एवं शेष कार्य प्रगति पर है। 60 मीटर प्लेटफॉर्म विस्तार का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है तथा 10,000 वर्ग मीटर में प्लेटफॉर्म सतह के सुधार कार्य में 1,700 वर्ग मीटर का कार्य पूरा किया चुका है। सर्कुलेटिंग एरिया की दिशा में 450 मीटर की चारदीवारी का निर्माण पूरा हो गया है एवं शेष 150 मीटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को बैठने हेतु 2,700 वर्ग मीटर में पी.पी. शेल्टर का प्रावधान किया जा रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है एवं शेष कार्य प्रगति पर है।
इसके अतिरिक्त सर्कुलेटिंग एरिया (5,000 वर्ग मीटर) का सौंदर्यीकरण कार्य, विभिन्न श्रेणी के नये प्रतीक्षालयों के निर्माण, पुरुष/महिला एवं दिव्यांगजन हेतु प्रसाधन का निर्माण, 3,000 वर्ग मीटर में पार्किंग क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। यात्रियों के सुगम आवागमन हेतु लिफ्ट/एस्केलेटर के प्रावधान के साथ 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज (एफ.ओ.बी.) का निर्माण कार्य, स्टेशन पर अन्तर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बेहतर साइनेज एवं फसाड लाइटिंग लगाने का कार्य प्रगति पर है।
सभी निर्माण कार्यों के पूर्ण होने पर मऊ जं. स्टेशन को आकर्षक स्वरूप मिलेगा तथा रेल यात्रियों को जहाँ एक ओर उन्नत एवं आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा वहीं दूसरी ओर रेल परिसर में प्रवेश करते ही उन्हें सुखद अनुभूति का एहसास होगा।
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