कानपुर। हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही थी, लेकिन विपक्षी दलों ने शानदार जीत दर्ज करते हुए एनडीए के अरमानों पर पानी फेर दिया। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश इंडिया गठबंधन को मिली शानदार जीत से एक तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्साहित हैं। इस जीत ने बीजेपी को 2027 विधानसभा चुनाव के लिए नई चुनौती मिली है।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को लोकसभा चुनाव में अयोध्या जैसी कई सीटों पर अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में विपक्ष भले ही बहुमत के आंकड़े को पार नहीं कर पाई, लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। लोकसभा परिणामों से सबक लेते हुए बीजेपी ने 2027 विधानसभा चुनाव के लिए अभी से रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है।
- दलित वोटर्स को साधने की कवायद
2027 में देश के सत्ता की धुरी यानी उत्तर प्रदेश में दोबारा काबिज होने की कवायद में जुटी बीजेपी ने इसके लिए दलित मतदाताओं को साधने में जुट गई है। इसी के मद्देनजर बीजेपी दलित समाज के मतदाताओं को रिझाने के लिए संविधान गौरव अभियान चलाने जा रही है। बीजेपी के ऐसा करने की सबसे बड़ी वजह ये भी है कि ओबीसी मतदाताओं के बाद सबसे बड़ी आबादी दलित समाज की है, उत्तर प्रदेश में 22 फीसदी दलित वोटर हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष ने बीजेपी के मुकाबले अधिक मजबूती के साथ उभरकर सामने आई, इसकी वजह यह है कि बीजेपी अभी से 2027 के चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने उम्मीदों से इतर प्रदर्शन करते हुए यूपी की 80 में से 43 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन महज 36 पर सिमट कर रह गया।
बीजेपी लोकसभा के परिणामों को पीछे छोड़कर एक नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की कवायद में जुटी है। इसके लिए बीजेपी दलित वोटरों को रिझाने में लगी है, क्योंकि विपक्ष ने अमित शाह के बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयानों को लेकर जोरशोर से विरोध जताया था। इसके साथ बीजेपी को विपक्ष के जरिये लगाए जा रहे आरोपों से मतदाताओं में भ्रम पैदा होने की आशंका है।
- ‘बड़े स्तर पर चलाया जाएगा अभियान’
इन्हीं सब को देखते हुए बीजेपी कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र से ‘संविधान गौरव अभियान’ चलाने की योजना बना रही है। यह अभियान 11 जनवरी से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगा। इसको लेकर कानपुर बुंदेलखंड के अध्यक्ष प्रकाश पाल ने बताया कि ये अभियान बड़े स्तर पर शुरू किया जाएगा, जिले से लेकर मंडल तक के कार्यकर्ता इसमें शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे, जनता को संविधान की बारीकियां, उसके महत्व और विशेषताएं बताई जाएंगी। बस्तियों में जाकर इस अभियान के माध्यम से बीजेपी दलितों के बीच पहुंचेगी, जिस तरह से कांग्रेस और समूचा विपक्ष बाबा साहेब के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे है, उसे बचाना है।
- बीजेपी दे रही ये संदेश
बीजेपी की संविधान गौरव अभियान में दलित नेताओं, महिलाओं और अनुसूचित मोर्चे को प्रमुख भूमिका में लाने की संभावना है। पार्टी दलित वर्ग तक पहुंचकर संविधान की जानकारी देने का प्रयास करेगी। हालांकि, यह देखना होगा कि मिशन 2027 के लिए यह रणनीति कितनी प्रभावी साबित होती है। बीजेपी के संकेत हैं कि वह उत्तर प्रदेश में 2027 के चुनावों को दलितों के समर्थन से जीतने की योजना बना रही है।
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