<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Saturday, December 7, 2024

दर्जन भर सूखे दरख्तों पर नाच रही मौत की साया

 - पोखरनी-पोखरा बाजार रोड पर उग्रसेनपुर गांव में एक तरफ से सूख चुके हैं बड़े बड़े पेड़, सुधि नहीं ले रहे जिम्मेदार

- वन विभाग व काश्तकारों के स्वामित्व विवाद में हो सकती है बड़ी घटना

बस्ती। मंडल मुख्यालय से आंबेडकर नगर को जाने वाली सड़क पर 9 किलोमीटर दूर स्थित नगर बाजार से ठीक बाद पोखरनी चौराहे से पोखरा बाजार मार्ग पर महज 30 मीटर दूरी पर दर्जन भर पेड़ कई वर्षों से सूख कर राहगीरों के लिए जानलेवा हो चुके हैं लेकिन फिर भी जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए अनजान बने हुए हैं। यही नहीं यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं। इसके पीछे वन विभाग और काश्तकारों के बीच स्वामित्व विवाद बताया जा रहा है। वहीं राजस्व विभाग इसका निस्तारण करने के बजाय अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है।

पोखरनी से पोखरा बाजार होकर कप्तानगंज को जाने वाली लगभग 11 किमी लंबी सड़क पर दिन-रात हर सेकंड पर वाहन गुजरते हैं। कारण यह है कि यह सड़क कप्तानगंज ब्लाक  को बहादुरपुर व दुबौलिया ब्लॉकों के अलावा आंबेडकर नगर जनपद को सीधे तौर पर जोड़ती है। शार्टकट होने के कारण छोटे से लेकर भारी वाहनों की दिन-रात आवाजाही होती रहती है। बावजूद इसके यहां इस मार्ग के चौराहे पर महज 30 मीटर दूर एक लाइन से दर्जन भर सूख चुके आम, शीसम व अन्य प्रजाति के बड़े पेड़ जिम्मेदारों के लिए अनजान बने हुए है। सड़क से सटे गांवों के ग्रामीण जेपी श्रीवास्तव, राम प्रताप चौधरी, संजय श्रीवास्तव, जीपी दुबे, तुलसी राम व महेंद्र कुमार आदि ने बताया कि जब वाहनों का रेला निकलता है तो पेड़ भी कांपने लगते हैं और अगर यह गिर गए तो भारी जन-धन की हानि हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि दो साल पहले वन विभाग के कुछ कर्मचारी आए थे और बताए कि सर्वे किया जा रहा है और चिन्हांकन कर इन्हें कटवाया जाएगा। बावजूद इसके अभी तक यह सूखे पेड़ जस के तस खड़े हैं। ग्रामीणों ने बताया कि राहगीर जल्द निकलने के चक्कर में सड़क की स्थिति से अनजान रहते हैं लेकिन हम लोग दिन-रात इस अंदेशे में रहते हैं कही यह सूखे पेड़ अचानक गिर गए तो कई वाहन इसकी चपेट में आ जाएंगे और वह एक भयानक और दर्दनाक हादसा साबित होगा।

क्या है पेंच

वन रेंज स्तरीय अधिकारियों के अनुसार सड़क की पैमाइश के लिए राजस्व विभाग को आगे आना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि यह पेड़ वन विभाग के हैं, या फिर मुख्य सड़क से सटे काश्तकारों के हैं। बावजूद इसके राजस्व विभाग एक कदम भी आगे नहीं बढ़ रहा है। अधिकारियों के अनुसार पहले की बनी सड़क की चौड़ाई अगर स्पष्ट हो जाए तो उसी अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।

राजस्व और रेंज की टीम से की जाएगी जांच

कप्तानगंज के वन क्षेत्राधिकारी राजू प्रसाद ने बताया कि रेंज की फॉरेस्ट और राजस्व टीम को भेज कर सर्वे करवाया जाएगा और पता किया जाएगा कि पेड़ों पर वन विभाग का स्वामित्व है अथवा काश्तकारों का। उसी अनुसार सूखे पेड़ों को कटवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages