बस्ती। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहब डॉ भीम राव अंबेडकर के ऊपर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आक्रोशित बाम दल व जनसंगठनों के संयुक्त तत्वाधान में 31 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर स्थानीय सीटू कार्यालय से जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा।
बाम दलो के संयुक्त विरोध के आवाहन के क्रम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य बाम दल एवं जनवादी महिला समिति, सीटू,जनवादी नौजवान सभा,किसान सभा तथा खेत मजदूर यूनियन के पदाधिकारी, कार्यकर्ता , समर्थक शामिल रहे। जुलूस में शामिल नेताओ ने 17 दिसम्बर 2024 को सदन में गृहमंत्री कि टिप्पणी कि बाबा साहब का नाम लेना फैशन हो गया है और उनकी जगह भगवान का नाम लेना चाहिए को पूरी तरह आपत्ति जनक बताते हुए कहा कि यह बयान उन करोड़ों लोगों का अपमान है जो जाति गत, लैंगिक सहित अन्य प्रकार के अन्याई उत्पीड़न का सामना करते हुए बाबासाहेब से प्रेरणा लेते हुए समता मूलक समाज के बनाने के लिए संघर्ष रत है। नेताओ ने कहा कि सदन के अंदर जनता को प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष को नकार कर भगवान के भरोसे रहने की सीख देना , स्वतंत्रता,समानता, बंधुत्व तथा सामाजिक न्याय के लिए संघर्षों को नकारना ही है। कहा कि गृह मंत्री की टिप्पणी का व्यापक विरोध देश भर में हुआ है उसके बाद भी गृहमंत्री ने अपने दिए गए अपमान जनक टिप्पणी के लिए कोई माफी नहीं मांगी है। ऐसे में उनका संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसे में माननीया राष्ट्रपति महोदया को गृह मंत्री अमित शाह से त्यागपत्र लेना या मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।
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