गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग गोरखपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई एवं पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती तथा तुलसी पूजन कार्यक्रम के पूर्व संध्या पर अटल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए आचार्य विजय प्रताप तिवारी ने कहा कि अटल जी का जैसा नाम था वैसा ही काम था । जो चीज ठान लेते थे उसको करके ही रहते थे चाहे भारत का परमाणु क्षेत्र हो, कारगिल युद्ध रहा हो या और कोई क्षेत्र रहा हो जो कहते थे वह करते थे। वे भारत के दसवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री का पद तीन बार संभाला है, वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किये। वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में रहे । आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है।
आचार्य निर्मल यादव जी ने पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका सन्यासी जीवन भारत को शिक्षा के क्षेत्र में, सामाजिक क्षेत्र में बहुत ही प्रशंसनीय रहा है । मालवीय जी काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान की स्थापना करके देश ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में अद्वितीय कार्य किया। इनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति अभाव में भी जो भी करना चाहे कर सकता है।
तुलसी पूजन पर अपने विचार व्यक्त करती हुई बहन भानुप्रिया जी ने तुलसी जी के महत्व, वैज्ञानिक कारण पर अपनी बात रखी तथा गीत प्रस्तुत किया।
अंत में प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह ने अटल बिहारी वाजपेई, पंडित मदन मोहन मालवीय तथा तुलसी पूजन पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हमें इन महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा पर्यावरण की रक्षा हेतु पौधों को हमें सुरक्षित रखना होगा। कार्यक्रम संचालन आचार्य एस एन कुशवाहा ने किया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा है।
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