गोरखपुर। जिले के विकास खंड, तहसील कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट, कमिश्नरी और प्राधिकरण कार्यालयों में अब ई-आफिस प्रणाली पर ही काम होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि हर हाल में एक एक जनवरी से सभी ब्लाक, तहसील, मुख्यालय और मंडल कार्यालय में ई-आफिस प्रणाली पर ही पत्रावलियों का निस्तारण और पत्राचार हो।
उन्होंने हिदायत दी है कि किसी भी दशा में आफलाइन पत्रावली और पत्राचार स्वीकार न किए जाएं। इसके बाद से ही प्रशासन से लेकर प्राधिकरण तक में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। यद्यपि, ब्लाक और तहसील कार्यालयों के साथ ही मुख्यालय पर भी एक जनवरी तक पूरी तरह ई-आफिस प्रणाली लागू कर पाना आसान नहीं होगा। इसी क्रम में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने भी अब पेपरलेस वर्किंग की तैयारी तेज कर दी है।
इस नई व्यवस्था के लागू होने से किसी भी पटल के टेबल से लेकर कर्मचारियों के हाथों तक में फाइलें नहीं दिखेंगी। न ही कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कोई पत्रावली लेकर किसी कर्मचारी के पटल से अधिकारी के कार्यालय तक की दूरी तय करेगा। ये सारे काम ऑनलाइन होंगे।
सभी कार्यालयों में पेपरलेस कार्य होगा। यानी फाइल एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास मैनुअली नहीं बल्कि सीधे संबंधित अधिकारी के ई-आफिस पोर्टल पर अग्रसारित कर दी जाएगी। शासन या स्थानीय स्तर पर जारी आदेश की प्रति कागजों में संबंधित अधिकारी के पास नहीं भेजी जाएगी बल्कि मेल पर जाएगी।
जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि प्राधिकरण में ई-आफिस प्रणाली अपनाने की तैयारी तेज कर दी गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-फाइल बनाने और उसे आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। एक जनवरी से प्राधिकरण में नामांतरण और कार्यालय से संबंधित सभी कार्य ई-आफिस के माध्यम से ही होंगे।
जीडीए के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि प्राधिकरण में ई-आफिस की औपचारिक शुरूआत (गो-लाइव) हो चुकी है। इसी संबंध में मेसर्स एएम सल्युशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रशिक्षकों ने पिछले सप्ताह कार्यशाला में अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-आफिस में काम काज करने के लिए प्रशिक्षित किया था।
- ई-आफिस प्रणाली के लाभ
ई-आफिस प्रणाली लागू होने से जनता का काफी समय बचेगा। साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सहूलियत मिलेगी। समीक्षा भी आसान होगी। एक क्लिक पर कहीं से भी फाइलें खुल जाएंगी और उनकी स्थिति जांची जा सकेगी। संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को एक निर्धारित समय में फाइल पर संज्ञान लेना होगा। ऐसे में किस स्तर पर कौन सी फाइल कहां रुकी हुई है, इसकी भी आसानी से निगरानी की जा सकेगी। निर्धारित समय में फाइलों का निस्तारण हो सकेगा और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- ई-आफिस
ई-आफिस, उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कार्यक्रम के अंतर्गत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) है। यह साफ्टवेयर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआइसी) की ओर से विकसित किया गया है और इसका उद्देश्य, उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी विभागों एवं कार्यालयों में होने वाले समस्त कार्यों/प्रक्रियाओं को अधिक कुशल, प्रभावी, पारदर्शी बनाना है।
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