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Tuesday, December 3, 2024

शासन से प्रथम फेज के लिए बस्ती समेत आठ जिलों में स्थापित हो रहा फ्लड सेंटर

- प्रदेश के 40 बाढ़ प्रभावित जिलों में बनेगा शरणालय 

 - बाढ़ हटने के बाद इन शरणालयों में बजेगी शहनाई व साल भर होगा सदुपयोग

- बाढ़ प्रभावित मंडल के तीनों जिलों में स्थापित होना है बाढ़ शरणालय 

- राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से व्यय हो रहा धन
दुबौलिया के बरसांव में निर्माणाधीन बाढ़ शरणालय 


बस्ती। बहुत जल्द ही बाढ़ प्रभावित बस्ती जिले के बरसांव गांव में तकरीबन चार करोड़ रुपए खर्च कर बाढ़ शरणालय यानी कि फ्लड शेल्टर का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके लिए शासन ने फरवरी में ही मंजूरी देकर धन आवंटित कर दिया था और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। वहीं कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी भवन खंड ने इसके लिए तकरीबन 65 फीसदी कार्य भी पूरा कर लिया है उम्मीद जताई जा रही है कि नये साल के मार्च महीने में यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस शरणालय को बाढ़ की त्रासदी समाप्त होने के बाद भी स्थानीय लोग अन्य कार्यों जैसे दुकान, कॉम्यूनिटी, स्कूल, बाजार व शादी-विवाह स्थल के रूप में उपयोग कर सकेंगे। 

- राज्य के 40 बाढ़ प्रभावित जिलों में बनेंगे बाढ़ शरणालय

प्रदेश के 40 जिले प्रतिवर्ष बाढ़ की भयावह स्थिति से गुजरते हैं। जिसके कारण बड़ी संख्या में जनधन व पशुहानि होती है। बाढ़ के दौरान कई गांव ऐसे हैं, जहां जलभराव के कारण ग्रामीणों को विस्थापित कर सुरक्षित अस्थायी बाढ़ शरणालयों में ले जाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए शासन ने स्थायी तौर पर बहुद्देशीय प्रयोजन को देखते हुए बाढ़ शरणालय को स्थापित करने का निर्णय लिया है और सभी 40 जिलों से भूमि चिन्हित कर बड़ी योजना तैयार किया है। जिसको लेकर अभी प्रथम फेज में बस्ती समेत अयोध्या, आंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोरखपुर, बलिया, मऊ व देवरिया जिले में शरणालय स्थापित किए जाने का कार्य पूरा होने वाला है और आवश्यकतानुसार धन का आवंटन भी कर दिया गया है। 

- डेढ़ से तीन सौ व्यक्तियों के ठहरने का होगा इंतजाम

राहत आयुक्त की ओर से राजस्व अनुभाग के विशेष सचिव को भेजे पत्र के अनुसार अयोध्या, बाराबंकी, आंबेडकरनगर व गोरखपुर जिले में स्थापित होने वाले हर बाढ़ शरणालय के लिए 300 लोगों की क्षमता के शरणालय लिए 5.64 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं बस्ती, बलिया, मऊ व देवरिया में निर्मित किए जाने वाले हर शरणालय पर 150 व्यक्तियों की क्षमता के लिए 3.95 करोड़ रुपए व्यय हो रहे हैं।

- तीनों जिलों में उपलब्ध कराई गई जमीन

बरसात में मंडल के तीनों जिले सरयू, राप्ती, कुआनो, मनोरमा, आमी व अन्य नदी-नालों की उफान से प्रभावित होते हैं। लिहाजा तीनों जिलों के प्रशासन ने जनवरी में ही तीन से लेकर चार हजार वर्ग मीटर भूमि शासन को उपलब्ध करवा दिया है। जहां पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों की ओर से जारी मैप के अनुसार शरणालयों की स्थापना की जाएगी। प्रथम चरण में बस्ती में निर्मित होने वाले शरणालय के लिए सरयू नदी के किनारे दुबौलिया के बरसांव गांव में 4 हजार वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराई गई है। पीडब्ल्यूडी भवन खंड के सहायक अभियंता राकेश सिंह व साइट इंजीनियर आरपी चौधरी के अनुसार दूसरे मंजिल के स्लैब की तैयारी चल रही है। पूरे शरणालय में 150 बिस्तर की व्यवस्था की जा सकेगी। जिसके लिए ओपन हाल, भोजनालय व शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

वहीं दूसरे चरण में निर्मित होने वाले फ्लड सेंटर के लिए राप्ती नदी की विभीषिका झेल रहे सिद्धार्थनगर और सरयू, मनोरमा व आमी से प्रभावित संतकबीरनगर जिले के प्रशासन ने भी 3 से लेकर चार हजार वर्ग मीटर की जमीन आरक्षित कर शासन को भेज दिया है। 

पंचायती राज विभाग से समन्वय स्थापित कर बाढ़ शरणालय को बाढ़ के दिनों के अलावा अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा। शरणालय के निर्माण कार्य को मार्च 2025 तक हर हाल में पूरा करने के लिए निर्देशित किया गया है।

- अखिलेश सिंह, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी भवन खंड, बस्ती

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