उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त की धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह तब होता है जब हृदय रक्त को धमनियों में पंप करता है और उन पर लगातार ज्यादा दबाव पड़ता है।
सामान्य रक्तचाप का माप:
• सिस्टोलिक दबाव (ऊपरी संख्या): जब हृदय धड़कता है और रक्त को पंप करता है।
• डायस्टोलिक दबाव (नीची संख्या): जब हृदय आराम करता है और रक्त से भरता है।
उदाहरण: 120/80 mmHg को सामान्य माना जाता है।
उच्च रक्तचाप के स्तर:
1. सामान्य: 120/80 mmHg से कम
2. उच्च रक्तचाप का प्रथम चरण: 130-139/80-89 mmHg
3. उच्च रक्तचाप का दूसरा चरण: 140/90 mmHg या अधिक
4. गंभीर स्थिति: 180/120 mmHg से अधिक (तुरंत चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है)
उच्च रक्तचाप के कारण:
1. आनुवंशिक कारक
2. असंतुलित आहार: अत्यधिक नमक, तला हुआ खाना
3. तनाव और चिंता
4. धूम्रपान और शराब
5. मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
6. अन्य बीमारियाँ: डायबिटीज़, किडनी रोग
लक्षण:
अधिकांश मामलों में उच्च रक्तचाप लक्षणहीन होता है, लेकिन गंभीर स्थिति में ये लक्षण हो सकते हैं:
• सिरदर्द
• चक्कर आना
• नाक से खून आना
• सीने में दर्द
• थकान या बेचैनी
उपचार और प्रबंधन:
1. स्वस्थ आहार: फल, सब्जियाँ, कम नमक
2. नियमित व्यायाम
3. तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान
4. दवाइयाँ: डॉक्टर की सलाह के अनुसार
5. नियमित जांच: ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग
महत्वपूर्ण-
यदि उच्च रक्तचाप का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
Dr. Manvendra pal
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