बस्ती । मैत्रेय ग्लोबल फाउन्डेशन द्वारा वरिष्ठ कवि डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ कृत चांशनी के लिये इसरारी देवी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रेस क्लब लखनऊ के सभागार में आयोजित साहित्यिक समारोह में डॉ. जगमग को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र और 10 हजार रूपये की नकद धनराशि देकर उत्साहवर्धन किया गया।
‘चाशनी’ से लेकर ‘ किसी की दिवाली किसी का दिवाला’ विलाप खण्ड काव्य, ‘हम तो केवल आदमी है’ ‘ सच का दस्तावेज’ खुशियों की गौरैया, ‘बाल सुमन’ बाल स्वर, आदि कृतियों के रचयिता डॉ. जगमग कृत चांशनी का अब तक 6 संस्करण प्रकाशित हो चुका है। चांशनी का प्रथम संस्करण 1972 में प्रकाशित हुआ था।
चाशनी को पुरस्कृत किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि डा. जगमग ने जहां स्वयं अनेकों कृतियां समाज को दिया वहीं वे पूर्वान्चल में समर्थ कवियों की पीढी तैयार कर रहे हैं. निश्चित रूप से यह कठिन कार्य है, नई पीढी उनसे बहुत कुछ सीख सकती है। डा. जगमग का रचना संसार जन सरोकारों से जहां सीधा जुड़ा है वहीं उनके कटाक्ष और तीखे व्यंग्य श्रोताओं की जुबान पर चढ़े हुये है। चाशनी अनूठी कृति है जिसकी उपयोगिता सदैव बनी रहेगी। वे चाशनी से ही दुमदार दोहोें के जनक माने जाते हैं।
सम्मान से अभिभूत डा. जगमग ने कहा कि उन्होने जिस तरह से जीवन को देखा उसे शव्दों में उतार दिया. यह क्रम अनवरत जारी है।
डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को सम्मानित किये जाने पर विनोद कुमार उपाध्याय, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, बी.के. मिश्र, डा. अफजल हुसेन ‘अफजल’, पेशकार मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी, शाद अहमद शाद, जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’ डा. आर.जी. सिंह आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।
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