बस्ती। मंडल में अब तक 3013 किसानों ने 33 दिन में धान बेंचकर 33 करोड़ रुपए का भुगतान पा लिया है। अधिकारियों का दावा है कि इस बार किसी भी किसान का बकाया नहीं रहने पाएगा।
पहली नवंबर से धान की खरीद शुरू हो चुकी है। मंडल में धान खरीद के लिए कुल 203 केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिसमें बस्ती में 52, संतकबीरनगर में 86 व सिद्धार्थनगर में 65 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। धान खरीद के लिए कुल डेढ़ लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है। जिसके तहत बस्ती जिले को 50 हजार एमटी, संतकबीरनगर को 40 हजार व सिद्धार्थनगर को 60 हजार एमटी धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है। जिसके सापेक्ष अब तक बस्ती के डिप्टी आरएमओ बिपिन कुमार की अगुवाई में 5541, संतकबीरनगर में 7743 व सिद्धार्थनगर में 4987 एमटी धान की खरीद हो चुकी है। इस प्रकार अब तक मंडल में कुल 8271 एमटी धान की खरीद हो गई है। खाद्य विभाग के संभागीय लेखाधिकारी आशीष भास्कर के अनुसार कुल 3013 किसानों को 33 करोड़ 3 लाख 17 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है। बहुत जल्द ही अब धान की खरीद में तेजी आ जाएगी और सबका भुगतान उसी अनुसार लगातार किया जाएगा। पूरा प्रयास किया जाएगा कि किसी भी किसान के धान का समर्थन मूल्य बकाया न रह जाए।
- पहली बार धान की सफाई के लिए मिल रहा धन
धान क्रय नीति के तहत इस वर्ष पहली बार किसानों को धान की सफाई के एवज में 20 रुपए प्रति कुंतल का भुगतान किया जा रहा है। जबकि पहले किसानों के भुगतान से पहले सफाई के नाम पर 20 रुपए प्रति कुंतल की कटौती कर दी जाती थी। शासन ने धान का समर्थन मूल्य 23 सौ रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया है। साथ ही सफाई के लिए 20 रुपए प्रति कुंतल अतिरिक्त का भुगतान किया जा रहा है। आरएफसी यानी कि संभागीय खाद्य नियंत्रक दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि किसानों को शासन की ओर से दी जाने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। बताया कि केंद्रों पर धान बेचने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- गन्ना की खेती अधिक होने से घट रहा धान का रकबा
खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में चीनी मिलों के संचालन के कारण किसानों की रुझान गन्ना के प्रति अधिक हो रही है। इससे किसान धान की फसल अपनी जरूरत के अनुसार उगा रहे हैं। वहीं नकदी खेती के रूप में गन्ना की खेती करना अधिक पसंद कर रहे हैं। बस्ती के जिला खाद्य विपणन अधिकारी यानी कि डिप्टी आरएमओ बिपिन कुमार ने बताया कि किसान शहालग व गेहूं बोने में व्यस्त हैं। जल्द ही धान खरीद में तेजी आ जाएगी और लक्ष्य से अधिक खरीद कराई जाएगी।
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