<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Friday, December 13, 2024

उ0प्र0 माटीकला पुरस्कार से सम्मानित हुई प्रतिभाएं


गोरखपुर। उ0प्र0माटीकला बोर्ड के तत्वाधान में मण्डल स्तरीय माटीकला पुरस्कार वितरण कार्यक्रम सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना एवं विशिष्ठ अतिथि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि अंशुमाली धर द्विवेदी, विकास-खण्ड खजनी-गोरखपुर, निर्णायक मंडल के गौरी शंकर चैहान,  डाँ0 प्रदीप साहनी सहायक प्रवक्ता (ललित कला) दीन दयाल उपाध्याय, विश्वविद्यालय, गोरखपुर, तथा मनोज कुमार, कला प्रवक्ता, मुरारी इण्टर कालेज, सहजनवा-गोरखपुर को परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी, गोरखपुर ए0के0 पाल द्वारा पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र तथा मोमेन्टो भेटकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी ने गोरखपुर मण्डल से आये अनेक माटीकला के कारीगरों के कला को सराहा और कहा कि माटीकला से बने वस्तुए बहुत ही आर्कषित है, इसे आप लोग और मन लगाकर बनाईये विभाग/सरकार आपकी पुरी मदद करेगी।

मण्डल स्तरीय उद्यमी पुरस्कार समारोह में धनन्जय कुमार प्रजापति, भाटपार रानी, जनपद-देवरिया को प्रथम पुरस्कार रू0 15000.00 (रू0 पन्द्रह हजार मात्र) एवं द्वितीय पुरस्कार  रामचन्द्र प्रजापति, औरंगाबाद, गुलहरिया, जनपद-गोरखपुर को रू0 12000.00 (रू0 बारह हजार मात्र) तथा सुरेश प्रजापति, ग्राम व पो0-जगदीशपुर जनपद-कुशीनगर को तृतीय पुरस्कार रू0 10000.00 (रू0 दस हजार मात्र) एवं अंगवस्त्र, प्रमाण-पत्र तथा मोमेन्टो भेटकर सम्मानित किया गया। 

इसी के साथ माटीकला के अन्य कारीगर रामरक्षा प्रजापति-देवरिया, हरिलाल प्रजापति-देवरिया, रघुनन्दन प्रजापति-गोरखपुर, चन्द्रकेश प्रजापति-गोरखपुर, राकेश प्रजापति, मुंशी प्रजापति-गोरखपुर रामचंद प्रजापति आदि को सांत्वना पुरस्कार व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कृत किये गये माटीकला के सभी कारीगर बहुत प्रसन्न थे। कार्यक्रम का संचालन नवीन पाण्डेय ने किया कार्यक्रम के अन्त में परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ने उ0प्र0 माटीकला बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित माटीकला के कारीगरों द्वारा बताया कि पहले जब हाथ से कार्य किया जाता था तो दिनभर में दिया/कुल्हल अधिकतम 200 ही बन पाता था लेकिन बोर्ड/विभाग के माध्यम से निःशुल्क विद्युत चालित चाक प्राप्त होने पर अब एक दिन में 2000 दीया/कुल्हड़ बना ले रहे है। उ0 प्र0 सरकार की इस सराहनीय कार्य के लिए सभी कामगार काफी प्रसंशा किये। कार्यक्रम के अन्त मे परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा सभी अतिथियों एवं कारीगरों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 

                                                  

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages