बस्ती। विश्व हिन्दू परिषद बस्ती विभाग द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर रामबाग में सामाजिक समरसता समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता डा0 विनायक राव देश पाण्डेय, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री विश्व हिन्दू परिषद ने कहा कि हम सब भारत माता के सपूत है, हिन्दू हैं, राष्ट्रभक्त हैं। सामाजिक समरसता का उद्देश्य सभी को जोड़ना है। विश्व हिन्दू परिषद लोगों को जोड़ने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने सामाजिक समरसता का आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी वर्गों को जोड़कर अपने साथ मिलाकर लक्ष्य की ओर बढ़े। परन्तु उसका पालन हम नहीं कर रहे। जिसके कारण सामाजिक समरसता की आवश्यकता पड़ी।
कहा कि समाज में छुआछुत एक कुप्रथा है जिससे हिन्दू समाज प्रभावित हुआ है। हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए सभी हिन्दुओं में आत्मीयता का भाव उत्पन्न हो इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद निरन्तर प्रयासरत हैं। विश्व हिन्दू परिषद के हजारों सेवा कार्य चल रहे हैं जिसमें से अस्सी प्रतिशत काम अनुसूचित/अनुसूचित जनजाति के क्षेत्रों में चल रहे है।
श्री राव ने कहा कि गुरू नानक, स्वामी विवेकानन्द व देश के अनेक संत, महापुरूषों ने सामाजिक समरसता को बढ़ाने का काम किया है। सभी में परमेश्वर है ऐसा हिन्दू धर्म में कहा गया है। इसी को ध्येय मानकर हर वर्ग का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें मनुष्य बनना है सभी के साथ मनुष्य जैसा व्यवहार करना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता के लिए हिन्दू समाज को जागृत कर रहा है। डा0 भीमराव अम्बेडकर ने लिखा है कि वेदकाल में भारत में छुआछूत की कुप्रथा नहीं रही। तो बाद में कैसे आयी। बताया कि भारत में यह कुप्रथा मुगलों के आक्रमण के बाद आयी।
उन्होंने कहा कि कुम्भ स्नान व चौरासी कोसी परिक्रमा के दौरान कोई भेदभाव नहीं। सभी जातियों, वर्गाे के लोग इसमें पूरी श्रद्धा से भाग लेते हैं जो सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है।
श्री राव ने कहा अंग्रेजों ने भी भारतीयों को बांटने का काम किया। उन्होंने यह झूठ फैलाया कि आर्य भारत से आये। जबकि आर्य यही ंके मूल निवासी हैं। कहा कि आज यह संकल्प लें कि सामाजिक समरसता को अपने जीवन में अपनायें, किसी के साथ कोई भेदभाव न करें।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि डा0 बी0एल0 कन्नौजिया एसोसिएट्स प्रो0 कैली हॉस्पिटल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में रहने वाले किसी जाति व धर्म कें हों उन्हें सच्चे मन से स्वीकार करना चाहिए। यही सामाजिक समरसता है। समरसता से ही देश आगे बढ़ेगा। अपने आस-पड़ोस से सामाजिक समरसता बढ़ाकर हम एक आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं।
विशिष्टि अतिथि डा0 प्रवेश कुमार शिक्षक/संरक्षक पंतजलि योग समिति ने लोगों से कहा कि समाज को जोड़ने के लिए आगे आयें। सभी लोग एकजुट हों, राष्ट्र को सर्वाेपरि मानकर काम करें। कहा कि राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा धर्म है। जहां राष्ट्र है वही सबकुछ है।
कार्यक्रम को संत अतिथि संत रामलखन दास महन्थ कबीर मठ ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि संत समाज सभी को एकसूत्र में पिरोने का काम करता है। हमें सभी वर्गों का सम्मान करना है किसी से कोई भेदभाव न करके हम सामाजिक समरसता का एक आदर्श स्थापित कर सकते हैं।
कार्यक्रम में प्रांत मंत्री कुंवर नागेन्द्र प्रताप सिंह, प्रांत अध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह, प्रांत समरसता प्रमुख परमानन्द, केन्द्रीय टोली सदस्य समरसता विभाग ओम प्रकाश श्रीवास्तव, प्रांत सह सम्पर्क प्रमुख धर्मेन्द्र चौरसिया, जिला अध्यक्ष बस्ती गोपेश पाल, नगर अध्यक्ष अगम सिंह, जिला मंत्री प्रमोद पाण्डेय, जिलाध्यक्ष हर्रैया दिनेश मिश्र, जिला मंत्री हर्रैया विवेक सिंह, जिला सह मंत्री हर्रैया धर्मेन्द सिंह, जिला उपाध्यक्ष सुनीत पाण्डेय, जिला धर्म प्रसार प्रमुख नीरज कसौधन, प्रांत संयोजिका मातृ शक्ति कविता त्रिपाठी, जिला संयोजक बजरंग दल विजय ठाकुर, प्रवीण सिंह, मनमोहन त्रिपाठी सहित सैकड़ों विश्व हिन्दू परिषद व अन्य संगठनों के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सहभोज का कार्यक्रम रखा गया।
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