जनता और कर्मचारी दोनों के हित में नहीं है निजीकरण – मदन मुरारी शुक्ल
गोरखपुर । राज्य सरकार द्वारा बिजली विभाग के निजीकरण की खबर से प्रदेश की जनता और कर्मचारी दोनों में ही नाराजगी है सरकार के इस फैसले से बिजली विभाग सहित समस्त राज्य कर्मी आक्रोशित हैं तथा उनकी मांग है की सरकार इस फैसले को वापस ले अन्यथा मजबूर होकर कर्मचारी समाज सड़क पर उतरकर संघर्ष करेगा इस संबंध में आज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की एक आकस्मिक बैठक लोक निर्माण विभाग के डाक बंगला परिसर में हुई जिसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव और संचालन महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की सरकार के निजीकरण का फैसला संविधान विरुद्ध है इससे प्रदेश में बेरोजगारी की बाढ़ आएगी उन्होंने कहा कि यदि बिजली विभाग घाटे में चल रहा है तो सरकार विभाग के संगठन के नेताओं के साथ बैठकर वार्ता करें और इसका हल निकाले उन्होंने कहा कि यदि किसी खेत में उपज कम होगी तो क्या हम उस खेत को ही बेच देंगे नहीं हम उसे खेत को उपजाऊ बनाने की उपाय ढूंढेंगे और यह उपाय है कि बिजली विभाग के संगठन के नेताओं के साथ वार्ता की जाए और घाटा कम करने का उपाय ढूंढा जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सड़क पर उतरकर संघर्ष करेगा।
परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि सरकार का या फैसला जनता और कर्मचारी दोनों के हित में नहीं है हां इससे कुछ उद्योगपतियों का हित अवश्य हो जाएगा परन्तु सरकारी उद्योगपतियों के नहीं बल्कि जनता के हित के लिए चुनी जाती है उन्होंने कहा कि सरकार अपने इस फैसले पर पुनः विचार कर इसे अभिलंब वापस ले। बैठक को परिषद के संरक्षक अशोक पांडे और वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित श्याम नारायण शुक्ला ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर रूपेश कुमार श्रीवास्तव गोविंद जी मदन मुरारी शुक्ल अशोक पांडेय राजेश सिंह पंडित श्याम नारायण शुक्ल बंटी श्रीवास्तव अनूप कुमार इजहार अली जामवंत पटेल राजेश मिश्र फुलई पासवान कनिष्क गुप्ता वरुण वर्मा बैरागी आदि कर्मचारी नेता उपस्थित रहे
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