गोरखपुर,। पूर्वाेत्तर रेलवे, रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) द्वारा चलाए जा रहे ‘नन्हे फरिश्ते‘ नामक ऑपरेशन में अग्रणी रहा है। यह एक मिशन जो विभिन्न भारतीय रेल जोनों में पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है। इसी क्रम में पूर्वाेत्तर रेलवे पर रेलवे सुरक्षा बल द्वारा माह अप्रैल से अक्टूबर, 2024 तक स्टेशनों और ट्रेनों में खतरे में पड़े या खतरे में पड़ने से 644 बच्चों को बचाया गया।
‘नन्हे फरिश्ते‘ ऑपरेशन के तहत पूर्वाेत्तर रेलवे पर गत 2023-24 में 368 बच्चों को बचाया गया। इसी तरह वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर, 2024 तक 433 लड़को एवं 211 लड़कियों सहित कुल 644 बच्चों को बचाया गया, इनमें घर से भागे हुये, लापता, बिछड़े हुए, निराश्रित, अपहृत, मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं बेघर बच्चे सम्मिलित हैं।
‘नन्हे फरिश्ते‘ सिर्फ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक है; यह उन बच्चों के लिए एक वरदान है जो खुद को अनिश्चित परिस्थितियों में पाते हैं। 2018 में इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन की शुरुआत हुई थी। रेलवे सुरक्षा बल ने अपने प्रयासों से, न केवल बच्चों को बचाया है, बल्कि घर से भागे हुए और लापता बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई है। आर.पी.एफ. का ऑपरेशन का दायरा लगातार बढ़ रहा है, रोज नई चुनौतियों का सामना कर भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क में बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास है।
पूर्वाेत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्पडेस्क उपलब्ध है। आर.पी.एफ. द्वारा मुक्त कराए गए बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दी जाती है। जिला बाल कल्याण समिति उन बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप देती है।
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