लखनऊ। राजधानी में गुरुवार को गोमती नदी के घाटों पर छठ पूजा के लिए श्रद्धालु उमड़े। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी छठ पूजा में शामिल हुए। उन्होंने छठ पूजा की रस्में निभाईं। झूलेलाल पार्क में छठ पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान गोमती नदी के घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने को उमड़े। पूजा के दौरान कुछ महिलाएं सेल्फी लेती भी दिखीं।
लक्ष्मण मेला मैदान में छठ पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान गोमती नदी के घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने को उमड़े। कुछ श्रद्धालु दंडवत परिक्रमा करते हुए घाट तक पहुंचे। लखनऊ में 150 से ज्यादा जगहों पर छठ पूजा का इंतजाम किया गया है। लक्ष्मण मेला मैदान में व्रती महिलाएं गाजे-बाजे के साथ गुरुवार को शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची। इसके अलावा बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने छतों व मुहल्ले के पार्काे में पोखर बनाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
सीएम योगी लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचने के बाद गोमती नदी तट पर पूजा की रस्में निभाई, फिर भोजपुरी समाज के कार्यक्रम में पहुंचे। सीएम ने कहा भोजपुरी भाषा की अपनी पहचान है। छठी मइया के आशीर्वाद बनल रहे। बता दें कि संतान प्राप्ति एवं उनकी लंबी उम्र व परिवार की समृद्धि की कामना के साथ छठ पर्व पर व्रती महिलाओं ने गुरुवार की शाम अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। राजधानी में गोमतीनदी के घाट पर छठ माता के गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। शुक्रवार की भोर गोमती नदी के तट से कमर तक पानी में खड़ी होकर व्रत रखने वाली महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर कठिन छठ व्रत को पूरा करेंगी ।चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को गोमती नदी के तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर बाद से विभिन्न क्षेत्रों से व्रत रखने वाली महिलाएं अपने परिवार के साथ लक्ष्मण मेला मैदान की ओर से निकली। गाजे-बाजे के साथ के साथ लोक मंगल गीत गाते हुए धाम पहुंचें।
लक्ष्मण मेला मैदान में गोमती नदी के किनारे सीढ़ियों से लेकर घाट तक बनाई गई वेदियों (पिंड) पर व्रत रखने वाली महिलाओं ने गुरुवार की शाम से पूजा अर्चना शुरू किया। यहां कठिन व्रत रखने वाली महिलाओं के साथ पूजा अनुष्ठान में बच्चे व उनके परिजन भी सहयोग किए। छठ माता की पूजा देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में महिलाएं, युवतियां व अन्य लोग लक्ष्मण मेला मैदान पर उमड़ें। देर रात पूजा पाठ के बाद मंगलगान करते हुए व्रत रखने वाली महिलाएं व उनके परिजन अपने घर को लौटें। शुक्रवार की भोर फिर से महिलाएं लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचेंगी। जहां पर गोमती नदी में कमर तक पानी में खड़ी होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। यहां दान पुण्य के बाद कठिन छठ पर्व व्रत का समापन होगा।
No comments:
Post a Comment