बस्ती। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज विकास खण्ड गौर के सभागार में टीबी मुक्त पंचायत हेतु ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण खण्ड विकास अधिकारी के देखरेख में सम्पन्न हुआ। जिसमें मास्टर ट्रेनर एसटीएस राहुल श्रीवास्तव, एसटीएलएस संजय कुमार पाण्डेय, एसटीएस अवनीश श्रीवास्तव, एसटीएलएस ध्रुव यादव, बीसीपीएम रामजीत चौरसिया, एडीओ पंचायत श्याम विहारी रहे। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए पंचायत विकास योजना में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम संबंधित गतिविधियों को शामिल करना तथा समुदाय तो टीबी के लक्षणों,जांच एवं उपचार की निशुल्क व्यवस्था, सरकार द्वारा टीबी रोगियों तथा ट्रीटमेंट सपोर्टर को दिए जाने वाले लाभों की जानकारी देना है।साथ ही जन आरोग्य समिति,ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठकों में टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की शर्तों, संकेतकों पर प्रगति की समीक्षा एवं कठिनाईयों का समाधान करने का प्रयास करना है। इसके अलावा समाज के सक्षम लोगों द्वारा टीबी रोगियों को फूड बास्केट देने के लिए प्रेरित कर निक्षय मित्रों की संख्या में वृद्धि करना है।
एसटीएस राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक जनसंख्या पर कम से कम 30 जांच, प्रत्येक जनसंख्या पर कम से कम एक या उससे कम मरीज, वर्तमान के टीबी मुक्त पंचायत के सभी मरीजों का यूडीएसटी, विगत वर्ष का सक्सेस रेट, निक्षय पोषण सहायता धनराशि के साथ साथ सामाजिक संस्थाएं, शैक्षणिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों आदि के द्वारा निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेकर उनको अतिरिक्त पोषण सामग्री वितरित करना है।
एसटीएलएस संजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि टीबी की समस्त जांच और ईलाज सभी सरकारी अस्पताल में निःशुल्क है। साथ ही मरीजों को इस नवम्बर माह से निक्षय पोषण योजना के तहत 1000 रूपये प्रतिमाह ईलाज पूर्ण करने तक दिया जाएगा। टीबी बैक्टीरिया जीवन भर सुसक्ता अवस्था में रह सकता है जिसे लेटेंट टीबी के रूप में पहचान की जाती है। मनुष्य की इम्यूनिटी घटने पर लेटेंट टीबी सक्रिय टीबी बन जाता है।
इस दौरान विक्रमजीत, जोखू प्रसाद, पूजा त्रिपाठी, महेन्द्र, सरोज सिंह, सुनीता सिंह, राम दुलारे, फूलचंद, लक्ष्मण प्रसाद, बुधिराम यादव, रामकेवल सहित अन्य प्रधान एवं ग्राम सचिव उपस्थित रहे।
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