बस्ती। गायत्री शक्तिपीठ बस्ती पर शांतिकुंज हरिद्वार से सुमित्रा दीदी एवं डॉ सुधीर श्रीवास्तव के द्वारा ष्आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी ष् के ज्ञान विज्ञान का प्रशिक्षण परिजनों के बीच किया गया। गर्भस्त शिशु पर गर्भिणी के आहार, विचार, व्यवहार के प्रभावों की जानकारी वैज्ञानिक तथ्यों के साथ दिया गया। सुमित्रा दीदी ने बताया कि भारतीय एवं वैश्विक मनुष्य समुदाय में, आधुनिक समय में उनकी परवरिश में शारीरिक विकास एवं स्वास्थ्य पर ही ध्यान दिया जाता है। उनके मानसिक, भावनात्मक एवं नैतिक विकास पर ध्यान न दिये जाने के कारण भावी पीढ़ी दिशा विहीन, तरह-तरह के अपराधों में लिप्त होकर, भावनात्मक एवं नैतिक मूल्यों से वंचित होती जा रही है, जिसके कारण उच्चशिक्षा प्राप्त करने पर भी बच्चे संस्कारों के अभाव के कारण चिन्तन, चरित्र और व्यवहार में उत्कृष्टता, शालीनता, आदर्शवादिता एवं दैवी गुणों से वंचित हो रहे हैं। जिसका परिणाम परिवार, समाज एवं राष्ट्र में भ्रष्टाचार, पापाचार के रूप में आ रहा है। आगामी दिनों में इसे आंदोलन के रूप में विभिन्न ब्लाकों, स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यापक स्तर पर इस कार्यक्रम को संचालित किया जाएगा।
गायत्री शक्तिपीठ के वरिष्ठ परिव्राजक/ट्रस्टी राम प्रसाद त्रिपाठी ने कहा की गर्भ-संस्कार का लक्ष्य ही शिशु के स्वस्थ शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास के प्रति परिवार को प्रशिक्षित करना था। युग निर्माण योजना लम्बे समय से इस दिशा में प्रयत्नशील है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ० डी के गुप्ता (हड्डी रोग विशेषज्ञ), जगदम्बिका पांडेय, सर्वेश श्रीवास्तव, के के पांडेय, श्याम पांडेय, सुषमा पर्वत,स् वामी दयाल, प्रभाकर, विशाल, राजकुमार, रमेश, शिवम, संतोष, दिनेश, अमन, श्रवण कुमार, प्रतिभा सिंह, मुन्नी सिंह, अवधेश सिंह, सत्यभामा, मीरा सिंह, आरती, तारा पांडेय, फूलपरी, कांती, गीता, पुष्पा, स्मृता सिंह, रेखा चौधरी आदि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment