बस्ती। आर्य समाज नई बाजार बस्ती में आवंला नौमी के अवसर पर यज्ञ कर लोगों को आवंला का महत्व बताया गया। इस अवसर पर आचार्य देवव्रत आर्य ने यज्ञ कराते हुए वैदिक मंत्रों से आहुतियां दिलाईं। इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आवंला नौमी पर्व आवंला के पेड़ों के संरक्षण और संवर्द्धन का संदेश देता है। इस दिन उसके नीचे यज्ञ करने और भोजन करना स्वास्थ्यकर होता है। प्रकृति ने मानव को स्वस्थ जीवन के लिए अनेक फल, फूल, औषधियां निःशुल्क प्रदान की हैं। प्रकृति की इस अनुपम देन को हमारे ऋषियों ने समझा और इसी लिए हर उपयोगी पेड़ पौधों की पूजा के द्वारा उसका संरक्षण और संवर्द्धन की प्रेरणा दी। आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।
चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला को वह औषधि बताया गया है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है।
इस अवसर पर डा. उमेश त्रिपाठी, नितीश कुमार, शिव श्याम, उपेन्द्र शर्मा, अरुणा शर्मा, विश्वनाथ, परी, पुनीत, राधा देवी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
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