- 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियों को कबाड़ घोषित कर नीलाम करने का है निर्देश
- मंडल में कुल 637 सरकारी गाड़ियां हैं पंजीकृत, सबसे अधिक पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की गाड़ियां आयु सीमा कर चुकी हैं पूरी
बस्ती। मंडल की 240 सरकारी गाड़ियों को कबाड़ घोषित कर नीलाम करने का निर्देश शासन से मिला है। इन्हें कबाड़ घोषित कर नष्ट करने के लिए नीलाम कर दिया जाएगा। उसके बाद नई गाड़ियों का इंतजाम कर सरकारी तंत्र को चाक-चौबंद किया जाएगा।
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नगर पालिका परिषद में संचालित पुराने वाहन |
मंडल में कुल 637 वाहन राजकीय कार्य में पंजीकृत किए गए थे। कबाड़ नीति घोषित होने के बाद जब परिवहन विभाग ने ब्यौरा इकट्ठा किया तो कुल 240 वाहन ऐसे पाए गए, जो 15 वर्ष की आयुसीमा पूरी होने के बावजूद विभागों में संचालित हो रही हैं। यही नहीं इनमें कुछ ऐसे भी वाहन हैं, जो 35 से 40 वर्ष की उम्र पूरी होने के बावजूद सेवा दे रहे हैं। इनमें सबसे अधिक पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के वाहन हैं। परिवहन विभाग के आरआई संजय दास के अनुसार इन सबकोे चिन्हित कर 1 अप्रैल 2023 से संचालन रोक दिया गया है और पंजीयन निरस्त किया जा चुका है। इनमें कुछ वाहन तो नीलाम हो चुके हैं लेकिन कुछ ने प्रकिया नहीं अपनाई है। अगर ऐसे वाहन आनरोड पाए जाते हैं तो उन पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि बिना पंजीयन वाहन का संचालन दंडनीय अपराध माना जाता है।
- कार, ट्रैक्टर व बाइक होंगे कबाड़
आरटीओ प्रशासन फरीदुद्दीन ने बताया कि अभी सिर्फ सरकारी गाड़ियों को कबाड़ घोषित कर नीलाम करने का निर्देश मिला है।मंडल के कुल 32 विभागों, निगमों व सरकारी संस्थाओं के 240 वाहन आयु सीमा पूरी कर चुके हैं। इनमें कार, ट्रक, ट्रैक्टर व अन्य भारी वाहनों के अलावा पुरानी बाइक भी कबाड़ घोषित हो चुकी हैं और उनका पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। सभी विभागाध्यक्ष को ऐसे वाहनों का संचालन कदापि नहीं होने देना चाहिए और एमएसटीसी की लॉगिन पर जाकर वाहनों की नीलामी के लिए आवेदन करना चाहिए। उसके बाद नीलामी प्राप्त कर्ता को वाहन सुपुर्द कर सीओडी यानी कि सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्राप्त कर लेना चाहिए ताकि नीलामी का मूल्य संबंधित विभाग के खाते में हस्तांतरित करने में आसानी हो सके।
- मंडल की ढाई लाख कार-बाइक भी कर चुकी हैं आयुसीमा पूरी
मंडल की ढाई लाख निजी कार व बाइक भी ओवरएज हो चुकी हैं। वैसे तो स्क्रैप पालिसी के तहत अभी सिर्फ सरकारी गाड़ियों को शामिल किया गया है लेकिन अगले चरण में पहले कामर्शियल फिर निजी वाहनों के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इन वाहनों को फिटनेस व पुनर्पंजीयन की सुविधा दी जा रही है। परिवहन विभाग की टीमें अब आनरोड होकर इन गाड़ियों की जांच कर विभागीय कार्रवाई करेंगी। इसके लिए तीनों जिलों में प्रवर्तन टीमें तैयार की जा रही हैं।
मंडल में 2 लाख 51 हजार 945 कार- जीपें ऐसी हैं जो 15 व 20 वर्ष की आयु सीमा पूरी कर चुकी हैं। इन वाहनों का दोबारा पंजीयन भी नहीं कराया गया है। इनमें 1 लाख 3 हजार 453 कारें व 1 लाख 46 हजार 924 बाइक शामिल हैं। बावजूद इसके यह गाड़ियां आनरोड होकर आम राहगीरों के लिए जानलेवा बनी हुई हैं। मुख्यालय के निर्देश पर गंभीर हुए आरटीओ प्रशासन फरीदुद्दीन व आरटीओ प्रवर्तन रविकांत शुक्ल ने संभाग के बस्ती समेत संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर जिलों में टीमें गठित कर अभियान चालू करने की तैयारी कर लिया है। आरटीओ प्रवर्तन रविकांत शुक्ला के अनुसार हर कार व बाइक की आयुसीमा 15 वर्ष निर्धारित की गई है। 15 साल बाद कुछ लोग दोबारा पंजीयन करवाकर पांच साल के लिए वैधता प्रमाण पत्र जारी करवा लेते हैं। इस तरह वर्ष 2004 व 2009 में पंजीयन होने के बाद 15 व 20 वर्ष की आयु की अधिवर्षता आयु पूरी करने वाली बस्ती में 1 लाख 17 हजार, 939, संतकबीरनगर 63 हजार 729 व सिद्धार्थनगर में 71 हजार 709 कार-बाइक गांवों से लेकर शहर में संचालित हो रही हैं। इन सभी वाहनों की सघन जांच की जाएगी और उन पर पांच हजार पेनल्टी समेत कार के लिए प्रतिमाह 5 सौ रुपए व बाइक के लिए 3 सौ रुपए प्रतिमाह की दर से पेनॉल्टी लगाई जाएगी।
- विष्णु कुमार पांडेय को नई कार लेने पर मिली छूट
बस्ती के एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह के अनुसार जिले के कार स्वामी विष्णु कुमार शुक्ल ने आयुसीमा पूरी कर चुकी अपनी गाड़ी को कबाड़ घोषित करवाकर नई गाड़ी लेने पर टैक्स में 15 फीसदी रियायत पाया है। आयु सीमा पूरी कर चुके वाहनों के दोबारा पंजीयन के लिए कार व बाइक का कम से कम थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य है और उस पर एचएसआरपी यानी कि हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा होना जरूरी है। बिना इसके दोबारा पांच साल के लिए पंजीयन नहीं हो पाएगा। संभाग के प्रधान सहायक सभाजीत पाल के अनुसार कार के पुनर्पजीयन के लिए 5 हजार रुपए शुल्क, टैक्स का 10 फीसदी ग्रीन शुल्क व आयुसीमा पूरी होने के बाद प्रतिमाह का पेनाल्टी जमा करना होगा। वहीं बाइक के लिए 1 हजार रुपए शुल्क, टैक्स का प्रतिशत ग्रीन शुल्क व प्रतिमाह की पेनाल्टी का भुगतान करना होगा।
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