गोरखपुर। समापन सत्र को संबोधित करते हुए राम सिंह प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति, गोरक्ष प्रान्त ने कहा कि आचार्य का कार्य छात्र में जिज्ञासा जागृत करना और उसकी जिज्ञासा का समाधान भी करना है। हमें कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए वह भी एक अच्छे आचार्य का गुण हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों में एकाग्रता, नेतृत्व क्षमता, का विकास करना भी आचार्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पवित्र मन से अपना कार्य और कर्तव्य का पालन करना चहिए। साथ ही उन्होंने आचार्य दैनंदिनी, छात्र दैनंदिनी, उपस्थिति पंजी, अभिभावक सम्पर्क आदि के महत्व व उपयोगिता को विस्तार पूर्वक बताया।
इससे पूर्व आज प्रथम सत्र में विद्या भारती, गोरक्ष प्रान्त के प्रशिक्षण प्रमुख गोविन्द सिंह, प्रधनाचार्य सरस्वती विद्या मन्दिर रामबाग बस्ती ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ‘Class Room Process’ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि NEP को छात्रों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी आचार्यो की है। साथ ही उन्होंने शिक्षण कार्य में Teaching Learning Material द्वारा प्रभावी शिक्षण, Class Management, Joyfull Learning, Experimental learning, Holistic Learning आदि जैसे विषयों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ अंक प्राप्त करने तक नही रहा बल्कि छात्रों में तर्क शक्ति, चिंतन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ साथ सामूहिकता, सहयोग आदि की भावना को भी विकसित करना है।
द्वितीय सत्र में प्रभावी शिक्षण हेतु NEP 2020 पर आधारित पाठ योजना के निर्माण पर डॉ राजेन्द्र पाण्डेय, प्रधनाचार्य सरस्वती शिशु मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुभाष चन्द्रबोस नगर सूर्यकुण्ड ने विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि सीखने की प्रक्रिया जीवन पर्यन्त चलती रहती है। शिक्षण प्रभावी तभी होगा जब शिक्षक को अपने कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्य की स्पष्ट संकल्पना होना आवश्यक है। उद्देश्य व लक्ष्य की सम्प्राप्ति हेतु पाठ योजना आवश्यक है। जिससे ज्ञानात्मक भावात्मक क्रियात्मक लक्ष्यों की पूर्ति हो सके।
इससे पूर्व अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती, ओम भगवान एवं भारत माता दीप प्रज्ज्वलित कर आज के सत्र का आरंभ हुआ। कार्यक्रम का संचालन एवं वृत्त निवेदन दिवाकर मिश्र, प्रान्त परीक्षा प्रमुख ने किया। उन्होंने बताया कि इस आचार्य विकास वर्ग में पक्कीबाग संकुल के 10 विद्यालयों के 320 आचार्य - आचार्या उपेक्षित थे जिसमें से 295 उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन विद्यालय की प्रथम सहायक श्रीमती रुक्मिणी उपाध्याय ने किया।
इस अवसर पर प्रान्त की प्रशिक्षण टोली की सदस्या श्रीमती रश्मी श्रीवास्तव सहित सभी विद्यालयों के प्रधनाचार्य व आचार्य उपस्थित रहे।
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