मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रामलीला रुकवाने पहुंची एमडीए टीम और सचिव को भाजपा शहर विधायक रितेश गुप्ता के गुस्से का शिकार होना पड़ा। भाजपा विधायक ने एमडीए अधिकारियों को फटकार लगाते हुए वहां से चले जाने को कहा और हिन्दू विरोधी बताते हुए अधिकारियों का दिमाग खराब होने की बात कही, भाजपा विधायक ने कहा कि इस तरह की हरकत बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को फटकारते हुए भाजपा विधायक का यह वीडियो वायरल हो रहा है।
मुरादाबाद में भाजपा के शहर विधायक रितेश गुप्ता और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के बीच चल रही कोल्ड वार मंगलवार को उस वक़्त खुल कर सामने आ गयी। जब कांशी राम नगर कालोनी में एमडीए की ज़मीन पर एमडीए की एनओसी के बगैर आयोजित हो रही रामलीला को रुकवाने एमडीए की टीम बुलडोज़र लेकर पहुंच गई। रामलीला कमेटी की सूचना पर भाजपा विधायक रितेश गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने बुलडोज़र से रामलीला हटाने का आरोप लगाते हुए एमडीए के अधिकारियों को हिन्दू विरोधी बताते हुए जमकर लताड़ लगाई। भाजपा विधायक के तेवर देख कर एमडीए टीम बिना किसी कार्रवाई के वापस लौट गई।
- विधायक ने एमडीए अधिकारियों को सुनाई खरी-खोटी
पूरी घटना मंगलवार को दोपहर से शुरू हुई। सोनकपुर में कांशीराम कालोनी की रामलीला मंचन का आखिरी दिन था. रात को यहां रावण दहन होना था। लेकिन दोपहर में पहुंची एमडीए की टीम ने रामलीला कमेटी को मौके से खदेड़ दिया। लोगों से मंच और रावण का पुतला हटाकर मैदान खाली करने को कहा। इस पर रामलीला कमेटी के लोगों ने शहर विधायक को फोन किया। शहर विधायक ने पहले वीसी को फोन किया इसके बाद खुद मौके पर पहुंच गए। विधायक ने मौके पर जाकर एमडीए के एई-जेई की टीम को खूब खरी खोटी सुनाई।
उन्होंने प्राधिकरण की टीम से तुरंत मौके से चले जाने को कहा. लेकिन एमडीए की टीम वहां से नहीं हिली। एमडीए की टीम ने कहा कि उन्हें ये जगह खाली कराने के आदेश हैं और वो यहां रामलीला नहीं होने देंगे। विधायक ने टीम से कहा कि रामलीला का आखिरी दिन है। रावण का पुतला दहन हो जाने दें, लेकिन प्राधिकरण टीम ने विधायक की एक नहीं सुनी। इस बीच जिला प्रशासन से भी अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों ने मौके पर माहौल को सही करने की कोशिश की।
- विधायक ने एमडीए अधिकारियों को बताया राम विरोधी
विधायक के कहने पर जब प्राधिकरण की टीम वहां से नहीं हिली तो शहर विधायक ने प्राधिकरण अफसरों को राम विरोधी तक कह डाला। शहर विधायक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो धार्मिक पर्वों को खूब हर्षाेल्लास के साथ मनाने की बात कहते हैं। लेकिन मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारी रामलीला को रुकवाने का पाप कर रहे हैं। ये इनकी राम विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
शहर विधायक ने रामलीला कमेटी से रामलीला मंचन शुरू कराने को तो कह दिया लेकिन एमडीए की टीम दूसरी ओर से कमेटी को बुलडोजर का डर दिखाती रही। एमडीए के काम में विधायक के दखल देने की सूचना वीसी तक पहुंची तो उन्होंने प्राधिकरण की सचिव अंजू लता को मौके पर रवाना कर दिया। एमडीए की अपनी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची सेक्रेटरी अंजु लता और विधायक रितेश गुप्ता के बीच भी नोंकझोंक हुई।
- बिना अनुमति के हो रहा था आयोजन
शहर विधायक ने रामलीला रुकवाने की वजह पूछी तो सचिव ने कहा कि जिस जमीन पर रामलीला का मंचन हो रहा है वो मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की है। इस जमीन पर रामलीला का मंचन करने से पहले प्राधिकरण से परमिशन ली जानी चाहिए थी, जो नहीं ली गई। इस पर विधायक बोले कि मुझे नियम मत समझाइए। विधायक ने सेक्रेटरी से कहा कि वो रामलीला मंचन होने दें। वैसे भी रामलीला का आखिरी दिन है। एक और दिन रामलीला हो जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। विधायक ने भी सेक्रेटरी को खरी खोटी सुनाई।
विधायक ने कहा कि जानबूझकर हिंदुओं को अपमानित करने की कोशिश की जा रही है। मुरादाबाद में सारे एक्शन सिर्फ हिंदुओं पर हो रहे हैं। सरकारी सिस्टम हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहा है। शहर में अतिक्रमण हट रहा है तो हिंदुओं का हट रहा है, हाउस टैक्स के नोटिस जा रहे हैं तो हिंदुओं को जा रहे हैं और अब रामलीला भी हिंदुओं की ही रोकी जा रही है। विधायक ने कहा कि, मैं इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करूंगा। हमारी ही सरकारी में ऐसे अधिकारी हैं जो हमारे वोट घटाने का काम कर रहे हैं।
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