बस्ती। नाना और नाती से गौर पुलिस द्वारा चोरी के कथित मामले में एक लाख रूपये की धन उगाही और नाबालिग को अपराधी बना देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जाति जन जाति आयोग को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर मामले की उच्च स्तरीय जांच और गौर के थानाध्यक्ष के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुये निर्दाेष दलित परिवार को न्याय दिलाने का आग्रह किया है। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों की कतरन के साथ भेजे पत्र में साधू शरन आर्य ने कहा है कि पुलिस उच्चाधिकारियों द्वारा अभी तक कोई प्रभावी कार्यवाही न किये जाने से आशंका बढ गयी है कि गौर पुलिस दलित कैलाशनाथ और उनके परिजनों को अन्य किसी मामले में फंसाकर उत्पीड़न कर सकती है।
भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जाति जन जाति आयोग को रजिस्टर्ड पत्र में कहा है कि गौर थाना क्षेत्र के वार्ड नम्बर 14 चन्द्रशेखर आजाद नगर निवासी दलित कैलाशनाथ के घर के सामने शिव कुमार के घर में गत 31 अगस्त को चोरी हो गई। सूचना पर गौर और बभनान पुलिस मौके पर पहुंची। कैलाशनाथ के घर में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज को देखा फोटो में चोर की पहचान न होने पर पुलिस चली गई। 3 सितम्बर को गौर व पुलिस चौकी बभनान पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें और नाती 11 वर्षीय अंश को गाडी पर बैठाकर थाने ले गयी। दो दिन तक गौर पुलिस ने नाबालिग अंश और 70 वर्षीय कैलाशनाथ को को मारा पीटा, धमकियां दी। गौर थानाध्यक्ष राम कुमार राजभर, बभनान पुलिस चौकी इन्चार्ज अनन्त कुमार मिश्र, सिपाही लवकुश यादव ने नाना और नाती को छोड़ने के लिये चार लाख रूपये की मांग किया। न देने पर चोरी के फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी। कैलाशनाथ के अनुसार गौर पुलिस ने एक लाख रूपये की रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ दिया और नाबालिक नाती अंश का चालान कर दिया। तीसरे दिन वह जमानत पर छूटा।
उन्होने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने के साथ ही दोषी एक लाख रूपये की धन उगाही करने वाले गौर पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग किया है। यदि दलित कैलाशनाथ उसके या परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो गौर थानाध्यक्ष राम कुमार राजभर, बभनान पुलिस चौकी इन्चार्ज अनन्त कुमार मिश्र, सिपाही लवकुश यादव आदि को भी जिम्मेदार माना जाय। साधू शरन आर्य ने चेतावनी दिया है कि यदि शीघ्र प्रभावी कार्यवाही न की गई तो भारतीय दलित वर्ग संघ आन्दोलन को बाध्य होगा।
No comments:
Post a Comment