बहराइच। कर्नाटक हाईकोर्ट ने जय श्री राम का नारा लगाकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में दो युवकों के खिलाफ दर्ज मामला रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के भीतर जय श्री राम का नारा लगाना गुनाह नहीं है। इस पर जमीयत उलेमाए हिन्द यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना क़ाब रशीदी ने कहा कि यह हास्यस्पद है हम कोर्ट के इस फ़ैसले से सहमत नहीं करते हैं हम इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अपने लीगल पैनल के साथ विचार कर रहे हैं।
उन्होंने पूछा कि, क्या मैं किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थल के अंदर अल्लाह हू अकबर का नारा लगा दूं तो क्या उसे स्वीकार किया जायेगा? हमारे देश मे आजकल धार्मिक उन्माद की राजनीति हो रही है और ऐसे नारों को सही ठहराया जा रहा है। किस तरह इसे न्याय उचित ठहराया जा रहा है। मैं इस से पूर्ण रूप से असहमत हूं। हम इस मामले में आगे उचित कार्रवाई करेंगे।
'बहराइच की घटना सरकार की नाकामी'
बहराइच में हुई घटना को उन्होंने कानून व्यवस्था की नाकामी बताते हुए कहा कि प्रशासन को इस में प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिये थी जो नहीं कि गयी। यह राज्य सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा है कि, राज्य सरकार को दोनो तरफ के पीड़ितों को मुआवजा देने चाहिए। जिन लोगो के घरों को तोड़ा गया लुटा गया और आग लगाई गई उन्हें भी मुआवजा देना चाहिये। जिस की भी जान गयी है। वह दुःखद है ऐसा नहीं होना चाहिये।
घटना के लिए दोषी लोगो को उनके अंजाम तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आज जमीयत उलेमा ए हिन्द का प्रतिनिधिमंडल बहराइच पहुंच जाएगा और वहां से रिपोर्ट तैयार कर वह हमारी राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट भेजी जाएगी। उसके बाद हम बहराइच की घटना पर आगे की रणनीति से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक सवाल है की जब भी चुनाव आते हैं देश मे इस तरह का धार्मिक उन्वाद फैलाया जाता हैं। यह कोई संयोग नहीं प्रयोग है। इस तरह की घटनाएं कराई जाती हैं सरकारों को ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी चाहिये तब ही हम लोक तंत्र के पर्व को अच्छे से मना सकते है।
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