बस्ती। छात्र संख्या कम होने के बहाने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर छात्रों व अध्यापकों को अन्यत्र समायोजित किए जाने का मिड डे मील रसोइया कर्मचारी यूनियन विरोध करती है। रसोइयों का भी समायोजन किया जाना उचित होगा। इसके साथ ही पाल्य, नवीनीकरण की व्यवस्था समाप्त किए जाने ,न्यूनतम 26000 रुपए प्रतिमाह वेतन नियमित तौर पर दिए जाने ,चंद्रावती केस में उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू किए जाने सहित अन्य मांग को लेकर मिड डे मील रसोइया कर्मचारी यूनियन के मंडलीय कमेटी के आवाहन पर मंडल के बस्ती सहित तीनों जनपदों की तहसील पर धरना प्रदर्शन का क्रम जारी है। प्रदर्शन के क्रम में बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील पर जिला कमेटी के उपाध्यक्ष राम निरख यादव के नेतृत्व में हर्रैया ब्लॉक परिसर से रसोइयों ने जुलूस निकाल कर उप जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी हर्रैया विनोद पांडेय को सौंपा।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संगठन के जिलामंत्री ध्रुव चंद ने कहा कि सरकार प्राथमिक शिक्षा की जवाबदेही से हाथ खींच रही है।प्राथमिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने की नीति घातक होगी।बड़ी संख्या में बच्चे आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा नहीं पा सकेंगे।विद्यालयों को बंद करने के बजाय छात्र संख्या बढ़ाने के उपाय करने होंगे। यह भी जांच होनी चाहिए प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या घट क्यों रही है। इससे गरीब रसोइया भी प्रभावित हो रहे है। जिला उपाध्यक्ष राम निरख ने कहा कि मांग पत्र में प्रति माह नियमित भुगतान करने,12 माह का मानदेय दिए जाने ,बिना कारण बताओ नोटिस के रसोइयों को तत्काल कार्य मुक्त न किए जाने, अनावश्यक रूप से रसोइयों को विद्यालय में अन्य कार्य न लेने व रोके न जाने की भी मांग शामिल है।
प्रदर्शन को संत कबीर नगर के जग राम गौड़, फूल चंद्र, रीता सिंह, प्रभावती, पूनम, निर्मला, रोशनी, प्रभावती, काजल सुभावती, कल्याणी, ममता, श्यामवती, निर्मला, रेखा सीता देवी ने संबोधित किया।.
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