गोरखपुर । आज को गोरखपुर-करब के सभागार मैं गोरखपुर के प्रख्यात विकित्सक डॉ. (मेजर) अमित कुमार श्रीवास्तव द्वारा रचित गजल-कालसंग्रह अभार्गन का लोकार्पण गोरखपुर की नामचीन साहित्यकार हस्तियों और विद्वान बौद्धिकों द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने कृति की गजलियत और गजलों के नायाब शेरों की अहमियत का मुक्तकण्ठ से उद्घाटन किया। प्रो. टण्डन ने गोरखपुर को गजलकारों का शहर बताया। इसी शहर की नयी गजल शरिलयत के रूप में कति-शायर डॉ (मेजर) अमित के अवदान का स्मरण किया। विशिष्ट अतिथि महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने अन्तर्मन के गीतों और गज़लों के आलोक में गोरखपुर की समृद्ध साहित्य-विरासत पर दृष्टिपालू किया उन्होंने मुंशी प्रेमचन्द और फिराक गोरखपुरी को गोरखपुर की महान् साहित्य-विभूति के रूप में याद किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो रामदरश राय ने गोरखपुर की गजलिमा और उसकी वैश्वि प्रख्याति का जिक्र करते हुए डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव को एक उदीयमान नवगजल-नक्षत्र रूप में देखा। अन्तर्भन के जिल्वारोही गजल शेरों का उद्घाटन भी किया।
प्राचार्य डॉ. शाकिर अली खाँ ने शायर डॉ. अमित की एक गजल तरन्नुम में माकर अपनी भी एक गजल सुनायी। डॉ. संजयन त्रिपाठी, डॉ आमोद कुमार राय, डॉ. फूलचन्द प्रसाद गुप्त श्री अनुपम सहाय ने कवि और कृति पर विस्तृत वक्तव्य दिये। डॉ. ज्ञानप्रकाश राय ने कविश्री डॉ. अनित का परिचय दिया।
कारम्मतः अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर वीणापाणि के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कवि अमित ने काव्यपाठ किया। संवालन राष्ट्रीय कवयित्री चारुशीला सिंह ने किया।
इस अवसर पर अतिथियों का सम्मान नारायण क्लिनिक के अभिरक्षक के.एम. लाल श्रीवास्तव द्वारा किया गया। अन्तर्मन काव्यकृति के अक्षर-संयोजक महेश नारायण त्रिगुणायत को सम्मानित करने के साथ-साथ अन्य अनेक योगदायी शख्सियतों क्लिनिक ने सम्मानित किया। नारायण क्लिनिक के मशहूर अमित कुमार श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापित किया।
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