<!--Can't find substitution for tag [blog.voiceofbasti.page]--> - Voice of basti

Voice of basti

सच्ची और अच्छी खबरें

Breaking

वॉयस ऑफ बस्ती में आपका स्वागत है विज्ञापन देने के लिए सम्पर्क करें 9598462331

Friday, October 11, 2024

समाजवादियों ने स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण को उनकी जयन्ती पर किया याद

 जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र सील किये जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण - महेन्द्रनाथ यादव


बस्ती। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर बुधवार को प्रखर समाजवादी स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुये कहा कि जेपी बाबू के नाम से लोकप्रिय जयप्रकाश ने देश को अन्धकार से प्रकाश की ओर लाने का सच्चा प्रयास किया, जिसमें वह पूरी तरह से सफल रहे हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भारतीय जनमानस पर अपना अमिट छाप छोड़ी है। जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी गूँज रहा है। समाजवाद का सम्बन्ध न केवल उनके राजनीतिक जीवन से था, अपितु यह उनके सम्पूर्ण जीवन में समाया हुआ था। कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती पर शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील कर दिये जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम समाजवादी इसकी कड़े शव्दों में निन्दा करते हेै।

सपा जिलाध्यक्ष एवं बस्ती सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि देश  को आजाद कराने हेतु जय प्रकाश जी ने तरह-तरह की परेशानियों को झेला किन्तु उन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके, वे दृढ़निश्चयी व्यक्ति थे। संघर्ष के इसी दौर में उनकी पत्नी भी गिरफ्तार कर ली गईं और उन्हें दो वर्ष की सजा हुई, वह भी स्वतंत्रता आंदोलन में कूदी थीं और जनप्रिय नेता बन चुकी थीं। जयप्रकाश जी अपनी निष्ठा और चतुराई के लिए प्रसिद्ध थे, वे सच्चे देशभक्त एवं ईमानदार नेता थे।

पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, मो. स्वालेह, जावेद पिण्डारी आदि ने जे.पी. बाबू को नमन् करते हुये कहा कि महज 18 साल की उम्र में 1920 में जेपी का विवाह ब्रज किशोर प्रसाद की बेटी प्रभावती से हुआ। कुछ साल बाद ही प्रभावती ने ब्रह्मचर्य का व्रत ले लिया और अहमदाबाद में गांधी आश्रम में राष्ट्रपिता की पत्नी कस्तूरबा के साथ रहने लगीं। जेपी ने भी पत्नी के साथ ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया। जयप्रकाश नारायण प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ थे। 1974 में पटना में छात्रों ने आंदोलन छेड़ा था। आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम देने की शर्त पर उन्होंने इसकी अगुआई की। इसी दौरान देश में सरकार विरोधी माहौल बना तो इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी। जेपी भी जेल गए और करीब सात महीनों तक सलाखों के पीछे रहे। उनकी तबीयत भी उन दिनों खराब थी, लेकिन जो सम्पूर्ण  क्रांति का नारा दिया, उसने देश में लोकतंत्र की बहाली दोबारा सुनिश्चित कर दी।

जेपी बाबू को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से विजय विक्रम आर्य, आर.डी. निषाद, राम सिंह यादव, अरविन्द सोनकर, राम प्रकाश चौधरी, रामचन्द्र यादव, भोला पाण्डेय, युनुस आलम, प्रशान्त यादव, राजेन्द्र चौधरी, निजामुद्दीन, राम उजागिर वर्मा दिनेश तिवारी, अशोक यादव, संजय गौतम, निसार अहमद, जयराज यादव, विजय यादव, विपिन त्रिपाठी, गिरीश चन्द्र, अजय यादव, वीरेन्द्र यादव, मंगल निषाद, मधुबन यादव, सचिन श्रीवास्तव, हरीश गौतम, परशुराम यादव, बलवन्त यादव, गौरीशंकर यादव के साथ ही समाजवादी पार्टी के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages