बस्ती। बस स्टेशन पर जाम हटाने के लिए जहां रोडवेज कर्मियों की दिन-रात ड्यूटी लगाई गई है, वहीं यहां चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी कोई भी कार्रवाई करने से कतराते रहते हैं। इसकी शिकायत जब कमिश्नर स्तर की बैठक में रोडवेज के अधिकारियों ने की तो बुधवार को सुबह क्षेत्र के सिपाही व एआरएम में नोंकझोंक हो गई। बाद में पहुंचे कोतवाल व चौकी इंचार्ज ने जाकर मामला शांत करवाया।
सड़क सुरक्षा व बस स्टेशन पर जाम को लेकर मंडलायुक्त व डीएम ने बैठक किया था। जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि पुलिस व परिवहन निगम के कर्मचारी मिलकर बस स्टेशन पर जाम नहीं लगने देंगे। इसके लिए एआरएम आयुष भटनागर ने डीएम को भी पत्र लिखकर पुलिस का सहयोग मांगा था। साथ ही एआरएम ने चुनिंदा कर्मचारियों को डिपो परिसर से बसों को निकलवाने व जाम हटवाने के लिए लगा दिया है। इसके लिए जिला प्रशासन व एसपी ने कोतवाली व संबंधित पुलिस चौकी को भी नोटिस भेज कर जाम हटाने में सहयोग करने को कहा था। बुधवार को सुबह सिपाही नोटिस लेकर चौकी पर बैठा था कि उसी समय एआरएम आयुष भटनागर वर्कशॉप से निकलकर अपने कार्यालय जाने लगे। सिपाही ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और नोटिस के बारे में पूछताछ करने लगा। इसको लेकर दोनों लोगों के बीच नोकझोंक होने लगी। किसी ने इसकी सूचना कोतवाल व चौकी इंचार्ज को दे दी तो मौके पर पहुंचकर मामला शांत करवाया गया। एआरएम आयुष भटनागर ने बताया कि बस स्टेशन पर जाम हटवाने के लिए रोडवेज कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें पुलिस को सहयोग के लिए भी जिला प्रशासन से कहा गया है। किसी भी हालत में बस स्टेशन के पास जाम नहीं लगने दिया जाएगा।
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