बस्ती । सेन्ट्रल एकेडमी में शिक्षक दिवस का पर्व उत्साह और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ केक काटकर मनाया गया। मुख्य अतिथि ऋषि तिवारी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। कहा जाता है कि जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत में प्राचीन समय से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है, लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं। सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
निदेशक जे.पी. तिवारी, निदेशिका सीमा तिवारी, सहायक निदेशक अनुज तिवारी ने कहा कि शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करने का दिन है जिन्होने अपना जन्म दिन गुरूजनों को समर्पित कर दिया। प्रधानाचार्य दीपिका तिवारी ने कहा कि ‘गुरु’ का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। समाज में भी उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था। एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण उनमें विद्यमान थे।
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