- मंडलीय प्रयोगशाला पर खर्च हो रहे 23.25 करोड़ रुपए
- खाद्य पदार्थों की जांच के लिए अब मंडल में ही होगा इंतजाम
- साउंड, वाटर व एयरप्रूफ बन रही खाद्य एवं औषधि लैबोरेटरी
बस्ती। मंडल में निर्माणाधीन खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला दीपावली तक तैयार हो जाएगी, जिससे मिलावटखोरों पर बिना समय गंवाए कार्रवाई करने में आसानी होने लगेगी। यहां लिफ्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है और लैब का तापमान नियंत्रित करने के लिए एसी लगाने का काम पूरा होने वाला है। उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर में यह लैब एक्टिव हो जाएगी। इससे विभाग के अधिकारी खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच आसानी से करवाकर मंडल के लोगों को निरोगी बना सकेंगे।
अभी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी व निरीक्षक खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच के लिए लखनऊ, बनारस व अन्य जगहों पर भेजते हैं। लिहाजा उनकी जांच में जहां देरी होती है, वहीं मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई होने में लंबा समय लग जाता है और तस्करों व मिलावटखोरों के खिलाफ मुकदमे में प्रभावी पैरवी नहीं हो पाती है। यही नहीं मिलावटखोरों को यह भी शिकायत रहती है कि जांच में देरी के कारण उनका नमूने के रूप में लिया गया खाद्य पदार्थ गुणवत्ताविहीन हो गया।
इस प्रयोगशाला का निर्माण 23.25 करोड़ से किया जा रहा है और पूरा लैब तैयार हो गया है। इसमें खास बात यह है कि इस लैब की दीवार की चुनाई में लगने वाली ईंट अव्वल व दोयम दर्जे की न होकर एएसी ईंट यानी कि ऑटोक्लैप्ड एयरेटेड कंक्रीट से किया गया है। यह एक तरह से इंटरलाॅकिंग की तरह सीमेंट व कंक्रीट से ढलाई किए गए विभिन्न आकार के ईंट होते हैं जिनकी चुनाई तेज पकड़ने वाले मसाले से जोड़कर की जाती है। यह पूरे मंडल में पहले सरकारी भवन का निर्माण किया जा रहा है जो इस तरह के ईंट से निर्मित हुआ है। अभी तक यह ईंटे महानगरों व विदेशों में प्रयोग किए जाते रहे हैं। इसकी आपूर्ति कानपुर स्थित अधिकृत प्लांट से की गई है। इसके अलावा प्रदेश के झांसी व गाजियाबाद में प्लांट स्थापित हैं।
- पांच साल से चल रहा लैब का निर्माण
जून 2019 में प्रदेश सरकार ने बस्ती समेत सहारनपुर, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट, अलीगढ़, मुरादाबाद, गोंडा, आजमगढ़ व मिर्जापुर मंडल मुख्यालयों पर खाद्य एवं औषधि प्रयोगषाला व मंडलीय कार्यालय खोले जाने का निर्देश जारी किया था। इसी के तहत बस्ती मंडल मुख्यालय स्थित बस्ती-गोरखपुर फोरलेन पर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास तकरीबन 0.435 हेक्टेयर जमीन पर यूपी सिडको यानी कि उप्र समाज कल्याण निर्माण निगम ने प्रयोगशाला का निर्माण शुरू किया था। जिसमें तिमंजिला मुख्य भवन बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है।
- दर्जन भर कमरों से सुसज्जित होगी प्रयोगशाला
यूपी सिडको के सहायक अभियंता अशोक तिवारी के अनुसार प्रयोगशाला में 12 कमरों का निर्माण कराया गया है। इनमें प्रयोगशाला प्रभारी कक्ष, कार्यालय कक्ष, नमूना प्राप्ति कक्ष, कोडिंग कक्ष, नमूना स्टोरेज कक्ष, संयंत्र कक्ष, रासायनिक प्रयोगशाला कक्ष, विश्राम कक्ष, हाट कक्ष, अभिलेख कक्ष, स्टोर व प्रसाधन का इंतजाम किया जा रहा है।
- तेजी से पूर्ण किया जा रहा कार्य
खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए सहायक अभियंता अशोक तिवारी व अवर अभियंताओं की टीम लगातार निगरानी कर रही है। दीपावली तक लैब तैयार हो जाएगा।
- इं. आशुतोष द्विवेदी, अधिशासी अभियंता यूपी सिडको बस्ती
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